राज कपूर से लेकर कुरोसावा तक की फिल्मों के 9200 प्रिंट हुए गायब

नेशनल फिल्म आरकाइव ऑफ इंडिया की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है. आरकाइव से कई महत्वपूर्ण फिल्मों के प्रिंट गायब हैं. इनकी संख्या करीब 9200 है.

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National Film Archive of India National Film Archive of India

महेन्द्र गुप्ता

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  • 13 सितंबर 2017,
  • अपडेटेड 6:45 PM IST

पुणे स्थ‍ित नेशनल फिल्म आरकाइव ऑफ इंडिया (एनएफएआई) से 9200 फिल्म प्रिंट के गायब होने का मामला सामने आया है. इनमें ख्यात भारतीय फिल्मकारों की और विदेशी फिल्में भी शामिल थीं.

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2010 में नेशनल फिल्म आरकाइव ऑफ इंडिया ने पुणे की एक फर्म को अपनी सभी रील्स पर बारकोड लगाने की जिम्मेदारी दी थी. इस फर्म ने पाया कि हजारों रील्स ऑन रिकॉर्ड को मौजूद हैं, लेकिन ये फिजिकली ये कहीं नहीं हैं. फर्म ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि फिल्म रील्स के 51,500 डिब्बे और 9200 प्रिंट गायब हैं. जबकि एनएफएआई अपने यहां 1.3 लाख फिल्म रील्स होने का दावा करता है. 4922 डिब्बों में 1112 फिल्म टाइटल मौजूद हैं, जो एनएफएआई के रजिस्टर में लिस्टेड नहीं हैं, लेकिन आरकाइव में मौजूद हैं.

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इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, आरटीआई के जरिए पता चला है कि गायब होने वाले सेल्यूलॉइड प्रिंट्स में सत्यजीत रे (पाथेर पंचाली) , मेहबूब खान (मदर इंडिया), राज कपूर (मेरा नाम जोकर, अवारा), मृणाल सेन(भुवन शोम), गुरु दत्त (कागज के फूल) सहित कई फिल्मकारों की फिल्मों की प्रिंट शामिल हैं. कई इंटरनेशनल फिल्मों के प्रिंट भी गायब हैं. इनमें बैटलशिप पोटेमकिन, बाइसकिल थीफ, सेवन समुराय (अकीरा कुरोसावा निर्देशित), नाइफ इन द वाटर आदि शामिल हैं. सौ से ज्यादा मूक फिल्में भी गायब हैं. इतना ही नहीं, आजादी के पहले के कुछ फुटेज भी आरकाइव में मौजूद नहीं हैं.

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