मॉब लिंचिंग को लेकर दिए अपने बयान के बाद नसीरुद्दीन शाह चर्चा में आ गए. हाल ही में उन्होंने इंडिया टुडे के राजदीप सरदेसाई को दिए स्पेशल इंटरव्यू में कहा- "मुझे 2014 में मोदी पर पूरा भरोसा था, जब वे सत्ता में आए थे और मेरा भरोसा अभी भी डिगा नहीं है. मैं अभी भी भविष्य की उम्मीद देखता हूं." नसीर पहले कह चुके हैं कि उन्होंने अपने बयान में जो कुछ कहा उसका कोई अफसोस नहीं है.
बता दें कि नसीरुद्दीन शाह अपने बयान में कहा था- "एक गाय की जान पुलिस अफसर से ज्यादा कीमती हो गई है. हमने अपने बच्चों को धार्मिक तालीम नहीं दी है. मुझे डर लगता है कि अगर उनसे उनका धर्म पूछा गया तो वे क्या जवाब देंगे? समाज में इस तरह का जहर फ़ैल चुका है. मुझे मेरे बच्चों को लेकर चिंता होती है." इससे पहले एक्टर ने क्रिकेटर विराट कोहली के व्यवहार पर भी निशाना साधा था.
नसीर ने कहा- "आप किसी चीज के बारे में तभी बोलते हैं जब आपको उसकी चिंता होती है. समाज में नफरत और सांप्रदायिकता फैलाई जा रही है. मैं ये बातें एक मुस्लिम शख्स के रूप में नहीं बोल रहा हूं. मैं अपनी मुस्लिम पहचान का फायदा नहीं उठाता. सभी धर्मों का मैं सम्मान करता हूं. एक भारतीय होने के नाते मैंने अपना दर्द बयान किया था मुस्लिम होने के नाते नहीं. ट्रोलर्स के पास कोई काम नहीं है. वे मुझे रोक नहीं सकते."
Naseeruddin Shah Row: 'ट्रोल्स मुझे रोक नहीं सकते, गुस्सा हूं, पर डरा नहीं'
"मैं डरा नहीं, गुस्से में हूं"
एक्टर ने कहा, "मुझे अपने बयान पर खेद नहीं है. मैं ये भी नहीं कहता कि मुझे Misquote किया गया. मैं डरा नहीं हूं, लेकिन गुस्से में हूं. पहले मॉब लिंचिंग नहीं होती थी. आजकल ये चीजें हो रही हैं. मैं अपनी चिंता व्यक्त कर रहा हूं. मैं अपने बच्चों के लिए परेशान हूं. मैं बतौर मुस्लिम इंसिक्योर नहीं हूं."
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