बॉलीवुड की मशहूर अदाकारा मीना कुमारी का जन्म 1 अगस्त को दादर (मुंबई) में हुआ था. उन्हें फिल्म इंडस्ट्री की ट्रेजडी क्वीन कहा जाता था. उनका असली नाम महजबीं बानो था. जब मीना कुमारी का जन्म हुआ था तो उनके पिता अली बख्श और मां इकबाल बेगम के पास डॉक्टर को देने के लिए पैसे तक न थे. दोनों ने यह तय कर लिया था वह बच्ची को मुस्लिम यातीमखाने में दे देंगे. देकर आ भी गए लेकिन पिता का मन नहीं माना और वापस जाकर बच्ची को घर ले आए.
मीना कुमारी वह एक्ट्रेस थीं जो गजले लिखने और गाने के लिए मशहूर थीं. इसमें उनकी सबसे फेमस गजल थी, चांद तनहा है आसमां तन्हा, दिल मिला है कहां-कहां तनहा...बुझ गई आस, छुप गया तारा...थरथराता रहा धुआं तन्हा, जिंदगी क्या इसी को कहते हैं, जिस्म तन्हा है और जां तन्हा. इसके माध्यम से उन्होंने अपनी जिंदगी का नजरिया पेश किया था.
ऐसा रहा मीना कुमारी का करियर
मीना ने 7 साल की छोटी उम्र से ही फिल्मों काम करना शुरू कर दिया था. उन्होंने पहली फिल्म फरजद ए हिंद में काम किया था. बैजू बावरा फिल्म से उन्हें खासी पहचान मिली. यह फिल्म 1952 में रिलीज हुई थी. इसके बाद लगातार सफलता की सीढ़िया चढ़ती गई. 1951 में तमाशा फिल्म के सेट पर मीना कुमारी की मुलाकात डायरेक्टर कमाल अमरोही से हुई. अगले साल ही दोनों ने शादी कर ली.
शादी के बाद कमाल ने मीना कुमारी पर शक करना शुरू कर दिया और कई पाबंदियां लगा दी. जैसे-तैसे इन दोनों का यह रिश्ता चलता रहा. 1964 में दोनों का तलाक हो गया. पति कमाल अमरोही से अलग होने के बाद मीना की नजदीकियां धर्मेंद्र से बढ़ने लगी. कहा जाता है कि धर्मेंद्र को इंडस्ट्री में खड़ा करने का श्रेय मीना को ही जाता है. दोनों का रिश्ता तीन साल तक चला इसके बाद दोनों ने अपने रास्ते अलग कर लिए.
शराब की लत ने ले ली जान
बताया जाता है कि धर्मेंद्र से अलग होने के बाद मीना खुद को अकेला महसूस करने लगी थीं. अपने अकेलेपन के गम को दूर करने के लिए उन्होंने शराब पीना शुरू कर दिया था. वो दिन रात नशे में डूबी रहती थीं. वह रातभर सोती नहीं थीं. इस वजह से उन्हें लिवर सिरोसिस बीमारी हो गई थी. ज्यादा बीमार रहने से उनकी हालत बद से बदतर हो गई थी और उन्होंने महज 39 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया था. 31 मार्च, 1972 को उनका निधन हो गया था.
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