केबीसी में बोलीं कर्मवीर, 'देश के मर्दों को भी उठानी होगी जिम्मेदारी'

केबीसी के कर्मवीर स्पेशल शो में समाज सेविका सुनीता कृष्णन ने भारतीय मर्दों को लेकर भी एक बेहद गंभीर बात कही है. सुनीता एक समाज सेविका हैं और वे महिलाओं और बच्चियों को यौन तस्करी से मुक्त कराने का काम करती हैं.

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सुनीता कृष्णन सुनीता कृष्णन

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 18 अक्टूबर 2019,
  • अपडेटेड 11:04 PM IST

केबीसी 11 के कर्मवीर स्पेशल शो में समाज सेविका सुनीता कृष्णन ने भारतीय मर्दों को लेकर भी एक बेहद गंभीर बात कही है. सुनीता महिलाओं और बच्चियों को यौन तस्करी से मुक्त कराने का काम करती हैं. उन्होंने अपने संघर्ष की कहानी शो के होस्ट अमिताभ बच्चन को बताई तो वो भी दंग रह गए थे. सुनीता कृष्णन ने बताया कि जब वह सिर्फ 15 साल की थीं तो उनके साथ 8 लोगों ने बालात्कार किया था. इसके बाद उनके पास दो रास्ते थे या तो वे अपने हालातों पर परेशान होती रहती या इस स्थिति का डटकर मुकाबला करतीं.  उन्होंने इसके बाद ही वेश्यावृति में फंसी महिलाओं को बचाने का फैसला किया था.

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उन्होंने कहा था कि वेश्यालयों में महिलाओं के नाम को कई-कई बार बदला जाता है जिससे उनकी आइडेंटी पूरी तरह से बदल जाती है. दिन में कई कई बार रेप होने के चलते ये महिलाएं शारीरिक और मानसिक तौर पर टूट जाती हैं और ना ही वे समाज में वापस जा सकती हैं. मुझे कई बार ये भी बोला गया कि जब तक इंसान है ये तो चलता रहेगा और ये तो इंसानी जरूरत है इसलिए भी मैंने सोचा कि जब तक जान है तब तक मैं उन लड़कियों के लिए लड़ती रहूंगी जिसे इस बेहद भयानक मंजर में अपनी जिंदगी गुजारनी पड़ती है. 

देश के मर्दों को भी सोचनी होगी ये बात

उन्होंने कहा कि 'हमारे देश में भी यही प्रॉब्लम है और अमेरिका में भी यही समस्या है लेकिन अंतर ये है कि अमेरिका में तीन-चार साल की बच्चियों को नहीं बेचा जाता है जबकि यहां छोटी सी छोटी बच्ची का भी खरीदार है. मैंने साढ़े तीन साल की बच्ची को वेश्यालय में वेश्यावृति करते समय बचाया है. हैदराबाद में 9 महीने की बच्ची के साथ खिलवाड़ की मैं घटना सुन चुकी हूं. तो हमें ये देखना होगा कि हमारा समाज कितना कुंठित है और देश में कुछ मर्द मानसिक तौर पर कितने बीमार हैं कि इन छोटी छोटी बच्चियों के भी खरीदार मौजूद हैं. हमें ये भी देखना होगा कि हम कैसे लड़कों की परवरिश कर रहे हैं और मर्दों को भी अपनी जिम्मेदारी लेने की जरुरत है.'

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