हाल ही में मणिकर्णिका: द क्वीन ऑफ़ झांसी में रानी लक्ष्मीबाई की भूमिका में नजर आईं कंगना रनौत का मानना का मानना है कि एक एक्ट्रेस के तौर पर आज की तारीख में उनकी जो मुकाम है, वह उनकी मेहनत की वजह से है. उन्हें कुछ भी आसानी से नहीं मिला है.
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव के 2019 के एक सेशन "रीराइटिंग रूल्स ऑफ़ बीइंग अ वुमन इन बॉलीवुड" में इंडिया टुडे के जर्नलिस्ट सुशांत मेहता के साथ बातचीत में कंगना ने कहा, "मैं बहुत ही साधारण परिवार से आई हूं. मैं ऐसे बैकग्राउंड से हूं जहां मेरे पास प्लान बी नहीं है. मैं सुबह उठकर ये सोचती हूं कि कैसे मैं सबके बीच से अपना रास्ता निकालकर चलूं."
"मेरी जर्नी देखें तो जब मैं मुंबई आई थी तो मेरे परिवार में से किसी के पास भी पासपोर्ट नहीं था. कोई मुंबई नहीं आय़ा था. मैंने अपने करियर में काफी कठिन समय झेला है." हालांकि कंगना ने यह भी कहा कि इंडस्ट्री में तमाम मिस यूनिवर्स, मिस इंडिया जैसे खिताब जीतकर गैर फ़िल्मी बैकग्राउंड से भी हीरोइनें आई हैं. मैं उनके खिलाफ में नहीं हूं, लेकिन मेरे मुकाबले तमाम हीरोइनें आर्थिक रूप से मजबूत पृष्ठभूमि से थीं. उनके मुकाबले मेरे पास कुछ भी नहीं था.
खुद के बगावती तेवर और इंडस्ट्री से अलग राह पर चलने के सवाल पर कंगना ने कहा, "मेरे पास कोई रास्ता नहीं था. किसी को तो मरना था तो मैंने सोचा मैं क्यों मरूं. बॉलीवुड में एक क्लास है जो कुछ ख़ास लोगों के के लिए काम करता है. इनके खिलाफ खड़े होने पर तो जमे जमाए लोग भड़केंगे ही."
कंगना ने कहा, इंडस्ट्री का स्वरूप ही कुछ ऐसा है जहां पुरुष हावी हैं. हीरोइन्स बस दिखाने भर के लिए हैं.
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