मुजफ्फरपुर पुलिस ने अनुपम खेर, अक्षय खन्ना सहित 12 अन्य के खिलाफ फिल्म द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर के संबंध में एफआईआर दर्ज की है. कोर्ट के 8 जनवरी को दिए आदेश का अनुपालन न किए जाने के बाद आपत्ति जताई थी. इसके बाद पुलिस ने दोनों अभिनेताओं सहित 12 अन्य के खिलाफ एफआईआर के आदेश दिए.
एक वकील के द्वारा दाखिल याचिका में कहा गया था कि इस फिल्म में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह व अन्य राजनीतिक व्यक्तियों की गलत छवि पेश की गई है. इसके बाद कोर्ट ने पुलिस को वकीस सुधीर कुमार ओझा की याचिका के आधार पर अनुपम, अक्षय व 12 अन्य के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने का आदेश दिया है. ओझा की इस शिकायत में यूपीए की चेयरपर्सन सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी और लालू प्रसाद यादव के नाम भी है.
दि एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर पहले ही काफी विवाद में रही है. कांग्रेस ने इसे प्रोपेगेंडा फिल्म कहा था. मूवी में मनमोहन सिंह का महिमामंडन किया गया है. उन्हें हीरो दिखाया गया है. वहीं सोनिया गांधी और राहुल गांधी को विलेन के तौर पर दिखाया गया है. महाराष्ट्र के कई कांग्रेस नेताओं का आरोप था कि TAPM में गांधी परिवार की छवि को गलत तरीके से पेश किया गया है.
भाजपा ने इसे सिनेमाई आजादी कहा था. बीजेपी नेता रूपा गांगुली ने कहा था कि फिल्म और किताब में रोक नहीं लगाना चाहिए. नेहरू जी ने कई किताबों पर रोक लगाई थी. रोक लगाना ठीक नहीं होता है. चाहे फिल्म हो या किताब, यह देश फ्रीडम ऑफ स्पीच के लिए जाना जाता है. फ्रीडम ऑफ स्पीच को कभी रुकना नहीं चाहिए. रूपा गांगुली ने कहा फिल्म फिल्म होती है इसमें कितनी सच्चाई है वह किताब के भरोसे पर लिखा गया है. अगर कांग्रेस को पसंद नहीं आ रही है फ़िल्म तो वह नहीं देखें.
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