मनोज जोशी बॉलीवुड इंडस्ट्री में कोई नया नाम नहीं है. सरफरोश से शुरू हुआ उनका फिल्मी सफर अभी भी जारी है और वे पिछले दो दशकों से अपनी परफॉर्मेंस से सभी का दिल जीतते आ रहे हैं. मनोज जोशी के बारे में ये कहा जा सकता है कि वो ऐसे कलाकार हैं जो किसी फिल्म में लीड एक्टर नहीं हैं मगर वे सीन्स के हीरो हैं. फिल्म के जिस सीन में वे होते हैं अपनी शानदार एक्टिंग स्किल्स से सभी का ध्यान अपनी ओर खींचने में सफल रहते हैं. एक्टर के जन्मदिन के मौके पर बता रहे हैं उनके प्रोफेशनल और पर्सनल लाइफ के बारे में कुछ बातें.
मनोज जोशी का जन्म 3 सितंबर, 1965 को गुजरात के हिम्मत नगर में हुआ था. मराठी थियेटर से उन्होंने अपने करियर की शुरुआत की थी. इसके अलावा उन्होंने हिंदी और गुजराती थियेटर में भी काम किया. उनकी पहली फिल्म थी सरफरोश, जिसमें आमिर खान और नसीरुद्दीन शाह जैसे कलाकार शामिल थे. फिल्म में उनके रोल को रिकगनाइज किया गया था.
इसके बाद उन्होंने चांदनी बार, हंगामा, देवदास, हलचल और पेज 3 जैसी फिल्मों में काम किया. मगर उन्हें पॉपुलैरिटी मिलनी शुरू हुई 2006 में रिलीज हुई फिल्म फिर हेरा फेरी से. फिल्म में उनके कैरेक्टर को पसंद किया गया. इसके बाद उन्होंने थमने का नाम नहीं लिया. चुप चुप के, गरम मसाला, गोलमाल, भागम भाग, भूल भुलैया, मेरे बाप पहले आप, बिल्लू, दे दना दन और खट्टा-मीठा जैसी फिल्मों में रोचक किरदार प्ले किए.
मनोज जोशी के साथ खास बात ये रही है कि वे किसी भी रोल में अपने आप को ढाल लेते हैं. उन्हें फिल्मों में यूनिक रोल प्ले करने के ऑफर आते हैं और अपनी अभिनय शैली से वे रोल्स के साथ पूरा इंसाफ करते हैं. यही वजह है कि हर तरफ उनकी एक्टिंग की तारीफ होती आई है. वे कभी भी आलोचनाओं के घेरे में नहीं रहे. सिर्फ कॉमेडी ही नहीं संवेदनशील किरदार प्ले करने में भी वे माहिर हैं.
सिर्फ फिल्मों में ही नहीं बल्कि छोटे पर्दे पर भी उन्होंने अपने अभिनय की छाप छोड़ी है. चाणक्य, एक महल हो सपनों का, खिचड़ी और चक्रवर्ती आशोक सम्राट जैसे टीवी सीरियल्स में वे नजर आ चुके हैं. उनकी पिछली फिल्म की बात करें तो वे साल 2019 में ही रिलीज हुई फिल्म प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बायोपिक में अमित शाह का रोल प्ले करते नजर आए थे. इंडियन सिनेमा और थियेटर को दिए गए अपने योगदान के लिए साल 2018 में मनोज जोशी को भारत सरकार द्वारा पद्मश्री से सम्मानित किया जा चुका है.
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