कास्टिंग काउच में गलत क्या? ये आगे बढ़ने का पारंपरिक तरीका: शत्रुघ्न सिन्हा

शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा, कास्टिंग काउच व्यक्तिगत पसंद है इसके लिए किसी को मजबूर नहीं किया जाता.

Advertisement
शत्रुघ्न सिन्हा शत्रुघ्न सिन्हा

अनुज कुमार शुक्ला

  • नई दिल्ली,
  • 27 अप्रैल 2018,
  • अपडेटेड 12:50 PM IST

कोरियोग्राफर सरोज खान और कांग्रेस की वरिष्ठ नेता रेणुका चौधरी के बाद अब बॉलीवुड व बीजेपी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने कास्टिंग काउच को लेकर विस्तार से बातें की हैं. उन्होंने कहा है कि ये व्यक्तिगत पसंद है इसके लिए किसी को मजबूर नहीं किया जाता. सरोज खान और रेणुका चौधरी का बचाव करते हुए उन्होंने माना कि मनोरंजन और राजनीति जगत में काम कराने के लिए यौनाचार की मांग और पेशकश की जाती है.

Advertisement

आईएएनएस से उन्होंने कहा, न तो सरोज खान गलत हैं और न ही रेणुका चौधरी. मनोरंजन और राजनीतिक जगत में काम कराने के लिए यौन संबंध बनाने की मांग और पेशकश की जाती है. जीवन में आगे बढ़ने के लिए यह बहुत पुरानी और आजमाई हुई तरकीब है. यह तो मानव जीवन की शुरुआत से हो रहा है. इसमें इतना दुखी होने की बात क्या है?

कास्ट‍िंग काउच पर एक्ट्रेस की आपबीती, जहां चाहा टच किया, किस भी

'बिहारी बाबू' ने कहा, कोरियोग्राफी के क्षेत्र में और रेखा, माधुरी दीक्षित व दिवंगत श्रीदेवी का करियर चमकाने में सरोज खान का अतुलनीय योगदान है. सरोज खान अपने क्षेत्र की दिग्गज हैं. वह अक्सर अपने दिल से बोलती हैं, जिसमें राजनीतिक पक्षों की अपेक्षा भावनात्मक पक्षों को तरजीह देती हैं. अगर उन्होंने कहा कि बॉलीवुड में लड़कियों को 'समझौता' करना पड़ता है, तो उन्हें जरूर ऐसे मामलों की जानकारी होगी.

Advertisement

बॉलीवुड में कास्टिंग काउच की हकीकत को स्वीकारते हुए उन्होंने कहा, मैं सरोज और रेणुका की बात से पूरी तरह सहमत हूं. मैं जानता हूं कि फिल्मों में आने के लिए लड़कियों को कैसे-कैसे 'समझौते' करने पड़ते हैं. शायद सरोज जी खुद इस दर्द और अपमान से गुजर चुकी हैं.

कास्टिंग काउच: सवाल पर कन्नी काट गईं करीना, स्वरा बोलीं- ट्विटर पर आओ

शत्रुघ्न ने कहा, मैं नहीं जानता कि राजनीति में कास्टिंग काउच को क्या बोल सकते हैं, शायद 'कास्टिंग-वोट काउच' बोल सकते हैं. नेताओं की युवा और महत्वाकांक्षी पीढ़ी यौन संबंधों की पेशकश करने के लिए जानी जाती है और वरिष्ठ नेताओं का उसे स्वीकार करना भी जगजाहिर है.

हालांकि शत्रुघ्न ने सफाई देते हुए कहा, मैं ये नहीं बोल रहा कि ये सही है. मैं ऐसे किसी समझौते का कभी हिस्सा नहीं रहा. लेकिन हम अपने आस-पास की सच्चाई से मुंह नहीं मोड़ सकते. सच बोलने के लिए सरोज जी की निंदा मत कीजिए.

कास्टिंग काउच में मजबूरी कहां?

शत्रुघ्न ने कहा, निंदा उनकी करिए जिन्होंने ऐसी स्थिति पैदा की है, जिनके कारण लड़कियों और लड़कों को यह सोचना पड़ रहा है कि उन्हें जीवन में प्रगति करने के लिए समझौता करना पड़ेगा. शत्रुघ्न ने कहा, कास्टिंग काउच व्यक्तिगत चयन है. इसके लिए किसी लड़की या लड़के को मजबूर नहीं किया जाता. आपके पास देने के लिए कुछ है और आप किसी को इसका प्रस्ताव दे रहे हैं, जो इसका इच्छुक है. इसमें जबरदस्ती या मजबूरी कहां है?

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement