तीन महीने तक विवादों में रही फिल्म पद्मावत बॉक्स ऑफिस पर लागातार नए दर्शक जोड़ रही है. फिल्म की कमाई का ग्राफ भी बढ़ता जा रहा है. पद्मावत 10 दिन में 200 करोड़ रुपए की कमाई के करीब पहुंच गई है.
संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावत ने दसवें दिन 16 करोड़ रुपए की कमाई की है. इस तरह 10वें दिन तक का कारोबार 192.50 करोड़ रुपए हो गया है. फिल्म क्रिटिक और ट्रेड विशेषज्ञ तरण आदर्श ने अपने ट्वीट में बताया कि दूसरे सप्ताह में पद्मावत ने शुक्रवार को दस करोड़ और शनिवार को 16 करोड़ रुपए की कमाई की है. फिल्म 200 करोड़ रुपए के करीब है. हालांकि ट्रेड एनालिस्टों की राय में पहले से तय आंकड़ों के हिसाब से अभी भी फिल्म 50 करोड़ के घाटे में चल रही है.
फिल्म ने 9 दिन में देशभर में 166 करोड़ की कमाई कर ली थी. देश के साथ ही विदेशों में भी फिल्म ने जमकर कमाई कर ली है. ट्रेड एनालिस्ट तरण आदर्श ने अपने ट्विटर अकाउंट पर आंकड़े शेयर करते हुए बताया है कि फिल्म 50 करोड़ के घाटे में चल रही है. दरअसल, फिल्म कई जगह रिलीज नहीं हुई है और इसका असर उसके बॉक्स ऑफिस कलेक्शन पर पड़ रहा है.
अमेरिका में भी पद्मावत का जलवा, बास्केटबॉल मैच में घूमर गाने पर डांस
इसी के साथ तरण ने एक और ट्वीट करते हुए बताया कि फिल्म इस वीकेंड बाजीराव मस्तानी का रिकॉर्ड तोड़ने वाली है. इसी के साथ ये फिल्म संजय लीला भंसाली की हाइएस्ट ग्रॉसर बन जाएगी.
पेड प्रीव्यूज मिलाकर कुछ 11 दिन की भारत में कमाई
पहला दिन, 24 जनवरी, पेड प्रीव्यूज : 5 करोड़
दूसरा दिन, 25 जनवरी: 10 करोड़
तीसरा दिन, 26 जनवरी: 32 करोड़
चौथा दिन, 27 जनवरी: 27 करोड़
पांचवां दिन, 28 जनवरी: 31 करोड़
छठवां दिन, 29 जनवरी: 15 करोड़
सातवां दिन, 30 जनवारी: 14 करोड़
आठवां दिन, 1 फरवरी: 12 करोड़
नौंवां दिन, 2 फरवरी: 11 करोड़
दसवां दिन, 3 फरवरी: करीब 10 करोड़
ग्यारवां दिन, 4 फरवरी करीब 16 करोड़
हिट होने के बावजूद पद्मावत को हुआ करोड़ों का नुकसान, ये है अबतक की कमाई
अब करणी सेना ने भी की तारीफ़
श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना- महाराष्ट्र के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष योगेंद्र सिंह कटार ने चिट्ठी लिख कहा कि उन्होंने 2 फरवरी को पद्मावत देखी है, जिसमें राजपूतों की वीरता और त्याग का बहुत सुंदर चित्रण किया गया है. यह फिल्म रानी पद्मावती की महानता को समर्पित है. इस फिल्म में रानी पद्मावती और अलाउद्दीन के बीच कोई भी सीन नहीं है. इस फिल्म में ऐसा कुछ नहीं है जो राजपूत समाज के इतिहास और भावनाओं को नुकसान पहुंचाए.
महेन्द्र गुप्ता