हिंदी पर बवाल के बाद पीछे हटी सरकार, एआर रहमान ने कहा- खूबसूरत फैसला

गैर हिंदी राज्यों में हिंदी भाषा को अनिवार्य करने के फैसले पर केंद्र सरकार ने यूटर्न लिया है. विवाद बढ़ता देख ड्राफ्ट में बदलाव किया गया है. सरकार के फैसले की सिंगर एआर रहमान ने तारीफ की है.

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एआर रहमान एआर रहमान

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 03 जून 2019,
  • अपडेटेड 1:41 PM IST

नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय (HRD) के एक फैसले ने दक्षिण के राज्यों में खलबली मचा दी है. दरअसल, शिक्षा नीति के ड्राफ्ट में दक्षिण के राज्यों के लिए तीन भाषा फॉर्मूला के तहत हिंदी भाषा को अनिवार्य किया गया था, जिसके बाद काफी बवाल मचा. लगातार हो रही आलोचना के बाद अब केंद्र सरकार बैकफुट पर है. ड्राफ्ट में बदलाव भी कर दिया गया है. अब गैर हिंदी राज्यों में हिंदी को अनिवार्य करने की शर्त को हटा लिया गया है.

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सरकार के इस फैसले का मशहूर सिंगर और म्यूजिक कंपोजर एआर रहमान ने स्वागत किया है. एआर रहमान ने तमिल में ट्वीट कर लिखा, "खूबसूरत फैसला. तमिलनाडु में हिंदी अनिवार्य नहीं है. ड्राफ्ट को एडिट कर दिया गया है."

मालूम हो कि एआर रहमान उन सेलेब्स में शामिल हैं, जिन्होंने गैर-हिंदी भाषी राज्यों में हिंदी को अनिवार्य बनाने वाले सरकार के ड्राफ्ट पर प्रतिक्रिया दी थी. रहमान ने एक पंजाबी सिंगर द्वारा तमिल में गाया सॉन्ग शेयर कर कैप्शन में लिखा-  "तमिल पंजाब में फैल रही है."

एक्टर सिद्धार्थ ने भी सरकार के ड्राफ्ट पर रिएक्ट किया था और लिखा था- ''एक देश, एक भाषा, एक धर्म. ये भारत में कभी नहीं हो सकता चाहे कौन क्या करता है. कभी नहीं.'' तमिलनाडु हमेशा से ही राज्य पर हिंदी भाषा को थोपने के विरोध में रहा है. पहला हिंदी विरोधी आंदोलन 1937 में हुआ था और तीन साल तक चला था. बाद में, इसी तरह का आंदोलन 1965 में हुआ था. इस दौरान कई लोग मारे गए थे.

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