Amavas Review: फि‍ल्म में थ्र‍िल है, पर कहानी ही गायब

Amavas movie review नरगिस फाकरी और सचिन जोशी स्टारर मूवी अमावस 2019 की पहली बॉलीवुड हॉरर फिल्म है. इसमें थोड़े बहुत डरावने सीन और जबरन के गाने हैं, लेकिन कहानी दूर-दूर तक नजर नहीं आती है.

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फिल्म अमावस का पोस्टर फिल्म अमावस का पोस्टर

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 08 फरवरी 2019,
  • अपडेटेड 5:41 PM IST
फिल्म:Amavas
1/5
  • कलाकार :
  • निर्देशक :Bhushan Patel

अमावस एक थ्रिलर हॉरर बॉलीवुड मूवी है. जब भी हम इस जॉनर की फिल्मों की बात करते हैं तो जहन में Mama, The Silence of the Lambs, The Sixth Sense, Conjuring series, Oculus आद‍ि फिल्में याद आती हैं. इन फिल्मों में स्टोरी होती है, सस्पेंस होता है, थ्रिल होता है और जाहिर है डर भी. मगर जब हम ऐसी फिल्में बॉलीवुड में ढूंढ़ते हैं तो हमें क्या मिलता है? थोड़े डरावने सीन, जबरदस्ती के गाने और खूब सारा ड्रामा. कहानी का कहीं नामोनिशान नहीं.

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अमावस भी ऐसे ही है, जिस तरह अमावस की रात में चांद नजर नहीं आता, ठीक उसी तरह अमावस मूवी में आपको कहीं भी स्टोरी नजर नहीं आएगी. बाकी कमजोर स्टोरी को ढकने के लिए और फिल्म को एंगेजिंग बनाने के लिए सांउड इफेक्ट्स और छोटे छोटे हॉरर सीन का इस्तेमाल बखूबी किया गया है. सस्पेंस बनाने के चक्कर में स्टोरी को ही खत्म कर दिया गया है. एक मर्तबा आपको लगेगा कि फिल्म में तगड़ा सस्पेंस है, लेक‍िन अंत में दर्शक को न सस्पेंस म‍िलेगा, न स्टोरी.

कहानी

फिल्म की कहानी करण अमरेजा की है ज‍िसके 2 दोस्त माया और समीर हैं. करण और माया एक-दूसरे से प्यार करते हैं. तीनों की आपस में गहरी बॉन्डिंग है मगर गलतफहमी की वजह से दोस्ती में दरार आ जाती है. सब कुछ तहस-नहस हो जाता है. बर्बादी का मंजर 10 सालों तक खामोशी बनाए रखता है. 10 साल बाद एक इत्तेफ़ाक़ की वजह से गुज़रा हुआ कल फिर से सामने आ जाता है और खामोश पड़ा बर्बादी का मंजर, अपना विकराल रूप धारण कर लेता है. इसकी चपेट में  कौन-कौन और क्या-क्या आता है, ये जानने के लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी.

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बड़े नामों का आभाव

फिल्म में नरगिस फाकरी को छोड़ दें तो कोई भी बड़ा नाम नहीं है. सचिन की एक्टिंग तो ठीक है, मगर दमदार डायलॉग्स के अभाव से उनका किरदार दब गया है. नरगिस की अदाकारी ने भी न‍िराश क‍िया. उनके अभिनय में जरा भी दम नजर नहीं आता. ओवर एक्टिंग और हिंदी के खराब उच्चारण की वजह से उनका अभिनय फीका लगता है. फिल्म में गोटी के रोल में अली असगर जरूर थोड़ा हंसाते हैं. मोना सिंह का रोल भी काफी छोटा रखा गया है.

बॉक्स ऑफिस

कोई बड़ी स्टारकास्ट ना होने की वजह से पहले ही फिल्म को लेकर ज्यादा बज नहीं था. ऊपर से खराब स्टोरी की वजह से मूवी को ज्यादा दर्शक मिलने की उम्मीद कम ही है. एक तरफ जहां मौजूदा समय में फिल्म की स्टोरी पर इतना काम हो रहा है, ये फिल्म इस मामले में काफी पीछे नजर आती है. 14 फरवरी को रिलीज हो रही रणवीर की गली बॉय इस फिल्म का दि एंड कर देगी.

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