पूर्व सपा नेता अमरसिंह ने अपनी दिवंगत दोस्त श्रीदेवी को याद कर उनसे जुड़े किस्से शेयर किए. एएनआई से बातचीत के दौरान अमर सिंह इतने भावुक हो गए कि उनकी आंखों से आंसू आ गए. जानिए अमर सिंह ने क्या कहा.
अमरसिंह ने कहा, ''उस इंडस्ट्री में जहां लोग एक दूसरे का इस्तेमाल करते है, सीढ़ी बनाकर चढ़ जाते हैं और फिर पलटकर नहीं देखते. वहां पर श्रीदेवी का कृत्रज्ञ होना, अपने बच्चों को रोज ये बताना कि ये व्यक्ति जो अमर सिंह है ने हमारे परिवार के लिए और तुम्हारे लिए क्या किया और क्या है? यही भाव श्रीदेवीजी को अन्य लोगों के मुकाबले अलग बनाता था. ''
अमर सिंह ने कहा, ''बहुत कम लोग ऐसे होते हैं जो आपको दुखी करने वालों से दूर हो जाते हैं. मुंबई का एक बड़ा परिवार है, जो हर साल होली दिवाली मनाता है. हर बार परिवार के सदस्य श्रीदेवी को बुलाते थे, लेकिन वे नहीं जाती थीं. श्रीदेवी कहती थी कि जब इस परिवार से आपके (अमरसिंह) संबंध ठीक होंगे तो आपके साथ जाऊंगी. उनका मतलब था जो हमारा बैरी वो उनका बैरी, जो हमारा स्नेही वो उनका स्नेही. ''
अमर सिंह ने कहा कि जिस शादी में शामिल होने श्रीदेवी दुबई गई थीं, उसमें वे भी एक दिन के लिए गए थे. लेकिन उन्हें लखनऊ में होने वाली इन्वेसटर्स मीट में शामिल होना था, इसलिए जल्दी लौट आए, नहीं तो उन्हें श्रीदेवी के साथ एक दिन और बिताने का मौका मिलता.
बकौल अमर सिंह, जब मैं दुबई से वापस आ रहा था तब श्रीदेवी ने उनसे कहा, मुबंई जरूर आइये, आपसे बहुत बातें करनी हैं और अकेले मत आईये, दिशा, दृष्टि (बेटियां) और भाभीजी को साथ में लेकर आइए. मैं चाहती हूं कि दोनों परिवार एकसाथ मिलें. आप ही तो हमारे सुख दुख में खड़े रहे. हमने भगवान देखा नहीं है, लेकिन आपके रूप में उसके दर्शन किए हैं. इतनी बड़ी बात उन्होंने कही.
अमरसिंह ने कहा, एक हफ्ते पहले बोनी कपूर गंभीर रूप से बीमार हुए थे,
तब श्रीदेवी ने उन्हें कहा था कि इनको समझाइए, इन्हें कुछ हो जाएगा तो
हमारा क्या होगा. घर में या बाहर निजी या सामाजिक या प्रोफेशनल स्तर पर कोई
विवाद होता था तो बोनी कपूर कहते थे कि श्री से बात कर लीजिए. वो किसी और की
नहीं, लेकिन आपकी बात जरूर मानेगी.
अमर सिंह ने कहा, जब इंग्लिश विंग्लिश बन रही थी तो श्रीदेवी ने उनसे कहा
था कि यदि आप ये पिक्चर नहीं देखेंगे तो मैं रिलीज ही नहीं करूंगी. मुझे आज
भी याद है मुझे लगा था कि पुरानी अभिनेत्रियां जब वापस आती हैं तो उनका
हश्र वही होता है जो मुमताज की आंधियां का हुआ या माधुरी की गुलाब गैंग का, लेकिन श्री के कहने पर मैंने इंग्लिश विंग्लिश का स्पेशल शो
रखवाया, फिल्म देखने के बाद मुझे लगा कि मैंने क्या सोचा था और क्या निकला.
इसके बाद श्रीदेवी को कई प्रस्ताव मिले, लेकिन उन्होंने सभी को ठुकराया. बाद में उन्होंने मॉम की.