Review: सटीक विषय, लेकिन अधूरी सी लगती है 'राग देश'

तिग्मांशु धुलिया का नाम सामने आते ही जहन में 'पान सिंह तोमर' और 'साहिब बीवी और गैंगस्टर' जैसी फिल्में सामने नजर आ जाती हैं. इस बार तिग्मांशु ने एक अलग सब्जेक्ट पर फिल्म परोसने की कोशिश की है. आइए जानते हैं आखिर कैसी बनी है 'राग देश'...

Advertisement
राग देश का पोस्टर राग देश का पोस्टर

आर जे आलोक

  • मुंबई,
  • 27 जुलाई 2017,
  • अपडेटेड 8:30 AM IST

फिल्म का नाम :  राग देश

डायरेक्टर:   तिग्मांशु धुलिया  

स्टार कास्ट: अमित साध, कुणाल कपूर, मोहित मारवाह

अवधि: 2 घंटा 17 मिनट

सर्टिफिकेट:  U/A

रेटिंग: 2.5 स्टार

तिग्मांशु धुलिया का नाम सामने आते ही जहन में 'पान सिंह तोमर' और 'साहिब बीवी और गैंगस्टर' जैसी फिल्में सामने नजर आ जाती हैं. इस बार तिग्मांशु ने एक अलग सब्जेक्ट पर फिल्म परोसने की कोशिश की है. आइए जानते हैं आखिर  कैसी बनी है यह फिल्म...

Advertisement

कहानी:

यह कहानी  साल 1945 में आजाद हिन्द फौज और ब्रिटिश शासन के इर्द गिर्द घूमती है. फिल्म में तीन भारतीय सेना के जवानों शहनवाज (कुणाल कपूर), गुरबक्श सिंह ढिल्लन (अमित साध) और कर्नल प्रेम सहगल ( मोहित मारवाह ) के ऊपर देशद्रोह का आरोप लगाकर मुकदमा चलाया जाता है. जवानों की तरफ से इस केस को भुलाबाई देसाई लड़ते हैं और अंततः निष्कर्ष क्या निकलता है, इसे जानने के लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी.

क्यों देखें फिल्म:

- फिल्म में भारत की पूर्णतः आजादी से पहले हुए वाकयों को दर्शाने की कोशिश की गई है जो काफी दिलचस्प है.

- फिल्म में आजाद हिन्द फौज और नेताजी सुभाष चंद्र बोस की नीतियों के ऊपर भी प्रकाश डाला गया है .

- डायरेक्शन और सिनेमेटोग्राफी बढ़िया है और तथ्यों को अच्छे तरह से दर्शाने की कोशिश की गई है.

Advertisement

- कुणाल कपूर, अमित साध और मोहित मारवाह ने अपने अपने किरदारों को बखूबी निभाया है. साथ ही बाकी कलाकारों का काम भी सहज है. कास्टिंग के हिसाब से फिल्म बढ़िया बनायी गयी है.

- फिल्म में एक ही गीत है 'कदम कदम बढाए जा', जिसे अलग-अलग अंतरों को मौके की नजाकत के साथ पेश किया गया है.

कमजोर कड़ियां:

- फिल्म की एडिटिंग काफी गड़बड़ है और फ्री फ्लो प्रेजेंट नहीं किया जा सका है.

- फर्स्ट हाफ अच्छा है लेकिन इंटरवल के बाद कहानी और भी ज्यादा बिखरती है और एक वक्त के बाद लम्बी लगने लगती है.

- फ्लैशबैक और प्रेजेंट डे में काफी कन्फूजन भी हो सकती है. इसलिए बड़े ही फुर्सत से आपको देखना पड़ता है.

- जिन्हें इतिहास में रूचि है, उनके लिए फिल्म शायद आकर्षण का केंद्र हो सकती है. बाकी सबके लिए नहीं है 'राग देश'.

- फिल्म में नेताजी सुभाष चंद्र बोस के ऊपर पूरी तरह से फोकस नहीं गया है, जिसकी वजह से यह अधूरी कहानी लगने लगती है.

बॉक्स ऑफिस :

फिल्म का बजट लगभग 12-15  करोड़ बताया जा रहा है. खबरों के मुताबिक एक साथ कई फिल्मों के रिलीज होने की वजह से इसकी रिकवरी थोड़ी मुश्किल हो सकती है.

Advertisement

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement