Review: 'शादी में...' राजकुमार राव की जबरदस्त एक्ट‍िंग, कहानी औसत

राजकुमार राव की एक और धमाकेदार फिल्म इस शुक्रवार को रिलीज हो गई है. फिल्म देखने जाने का प्लान बना रहे हैं तो पहले जा लें इसकी कहानी...

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फिल्म के सीन में राजकुमार राव और कीर्ति खरबंदा फिल्म के सीन में राजकुमार राव और कीर्ति खरबंदा

वन्‍दना यादव

  • नई दिल्ली,
  • 10 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 11:05 AM IST

फिल्म का नाम: शादी में जरूर आना

डायरेक्टर: रत्ना सिन्हा

स्टार कास्ट: राजकुमार राव, कृति खरबंदा, गोविन्द नामदेव, मनोज पाहवा

अवधि: 2 घंटा 17 मिनट

सर्टिफिकेट: U/A

रेटिंग: 2.5 स्टार

राजकुमार राव के लिए साल 2017 बहुत ही बेहतरीन सा रहा, 'ट्रैप्ड', 'बहन होगी तेरी', 'बरेली की बर्फी' और ऑस्कर के लिए नॉमिनेटेड 'न्यूटन' भी इसी साल रिलीज हुई. हर फिल्म में अपनी अलग छाप छोड़ने वाले पावरपैक हीरो राजकुमार राव फिर से 'शादी में जरूर आना' फिल्म के साथ बड़े पर्दे पर हाजिर हैं.

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कहानी

कहानी सत्येंद्र उर्फ़ सत्तू (राजकुमार राव) और आरती (कृति खरबंदा ) की अरेंज मैरिज से स्टार्ट होती है लेकिन कहानी में ट्विस्ट तब आता है जब शादी की ही रात आरती घर छोड़कर भाग जाती है. शादी से पहले अपने करियर के ऊपर ध्यान देने का निर्णय करती है. 5 साल के बाद सत्तू एक आईएएस अफसर बन जाता है और वहीँ आरती भी पीसीएस अफसर बनकर काम करने लगती है. एक बार फिर से सत्तू और आरती का आमना-सामना होता है लेकिन इस बार सत्तू को आरती से बहुत ज्यादा नफरत होती है क्योंकि शादी की रात जब आरती घर छोड़कर भागी थी तो उसकी वजह से सत्तू के पूरे खानदान की बेज्जती होती है. वैसे अंततः क्या होता है, इसका पता आपको फिल्म देखकर ही चलेगा.

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क्यों देख सकते हैं फिल्म

- फिल्म की कहानी लड़कियों की शिक्षा, नौकरी और समानता के अधिकार के साथ-साथ दहेज प्रथा की तरफ भी ध्यान आकर्षित करने का प्रयास करती है.

- डायरेक्शन बहुत बढ़िया है और छोटे शहर के फ्लेवर को बड़े अच्छे तरीके से दिखाया गया है.

- राजकुमार राव ने फिल्म में दो अलग तरह के किरदारों को बखूबी निभाया है, एक जो प्यार करने वाला आशिक होता है और दूसरा जो बेहद नफरत करता है. इसके साथ ही कृति खरबंदा का किरदार भी काबिल ऐ तारीफ है. बाकी मनोज पाहवा, गोविन्द नामदेव और कलाकारों का काम सहज है.

- फिल्म के कुछ गाने कहानी को आगे ले जाते हैं, तो वहीँ कुछ बोर भी करते हैं. फिल्म के संवाद कहीं कहीं आपको हसाते भी हैं.

कमजोर कड़ियां

- फिल्म की कमजोर कड़ियों में इसकी कहानी है. कहानी की शुरुआत तो दिलचस्प होती है पर इंटरवल के बाद कहानी बिखर जाती है.

- मुद्दा फर्स्ट हाफ में आपको बांधने की कोशिश करता है वो सेकेंड हाफ में छूटता हुआ दिखाई देता है जिसको टाइट किया जाता तो फिल्म किसी और लेवल की बनकर सामने आती.

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- घरेलू ड्रामा को भी और ज्यादा अच्छे तरीके से लिखा जा सकता था. फिल्म के गाने रिलीज से पहले हिट नहीं हो पाए.

बॉक्स ऑफिस

फिल्म का बजट लगभग 15 करोड़ है और इसे 800 से ज्यादा स्क्रीन्स में रिलीज किया गया है. इसके साथ ही इरफान खान स्टारर 'करीब-करीब सिंगल' भी इसी हफ्ते रिलीज हो रही है. दोनों की भिड़ंत के बीच 'गोलमाल अगेन' पहले से ही बॉक्स ऑफिस पर चल रही है. देखना दिलचस्प होगा की इन सबके बीच 'शादी में जरूर आना' का वीकेंड कलेक्शन कितना होता है.

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