Movie Review: बस ओके ओके है आदित्य-श्रद्धा की 'ओके जानू'

साउथ की सुपर डुपर हिट फिल्म 'ओके कनमनी' की हिंदी रीमेक में आदित्य और श्रद्धा के बीच की केमेस्ट्री काफी फीकी सी दिखाई पड़ती है जिससे रिलेट कर पाना काफी मुश्किल होता है.

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फिल्म ओके जानू में श्रद्धा कपूर और आदित्य रॉय कपूर फिल्म ओके जानू में श्रद्धा कपूर और आदित्य रॉय कपूर

मेधा चावला

  • मुंबई,
  • 13 जनवरी 2017,
  • अपडेटेड 12:06 PM IST

साउथ की सुपर डुपर हिट फिल्म 'ओके कनमनी' की हिंदी रीमेक की जिम्मेदारी मणि रत्नम ने डायरेक्टर शाद अली के हाथ में सौंपी और 'आशिकी 2' के लीड पेयर आदित्य रॉय कपूर और श्रद्धा कपूर के साथ शाद ने ये फिल्म बनाई. शाद अली ने जहां एक समय पर मणि रत्नम को 'दिल से', 'गुरु' और 'रावण' जैसी फिल्मों में असिस्ट किया था तो वहीं 'साथिया' और 'झूम बराबर झूम' जैसी फिल्में डायरेक्ट भी की हैं. सवाल ये था कि क्या यह फिल्म भी वही छाप छोड़ पाएगी जो साउथ में 'ओके कनमनी' ने रखी है?

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कहानी : यह कहानी आदि (आदित्य रॉय कपूर) और तारा(श्रद्धा कपूर) की है जो मुंबई के रेलवे स्टेशन पर मिलते हैं आदि को गेमिंग का शौक़ है जिसके सॉफ्टवेयर को डेवलप करने के लिए वो अमेरिका जाना चाहता है और वहीं तारा एक आर्किटेक्ट है जिसका सपना है कि वो पेरिस जाए. दोनों रहना तो साथ चाहते हैं लेकिन शादी नाम का कोई भी शब्द इनकी डिक्शनरी में नहीं है. तारा अपने हॉंस्टल से आदि के किराये वाले घर में शिफ्ट हो जाती है जिसके मकान मालिक गोपी श्रीवास्तव (नसीरूद्दीन शाह) हैं और वो अपनी वाइफ के साथ उसी घर में रहते हैं. कहानी में मोड़ तब आता है जब आदि को अमेरिका जाने का मौका मिलता है लेकिन तब तक ये दोनों एक दूसरे को बिना बताये बेइंतहा प्यार करने लगते हैं. अब क्या ये दोनों मिल पाएंगे या कहानी में कुछ अलग मोड़ आता है? ये जानने के लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी..

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कमजोर कड़ियां - फिल्म की कहानी में नयापन नजर नहीं आता है. लड़का, लड़की, लिव इन रिलेशनशिप और एक अलग अंत. जिसे और बेहतर तरीके से लिखा जा सकता था.

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फिल्म के कुछ किरदारों की कास्टिंग और बेहतर की जाती तो फिल्म ज्यादा दिलचस्प लगती.

आदित्य और श्रद्धा के बीच की केमेस्ट्री काफी फीकी सी दिखाई पड़ती है जिससे रिलेट कर पाना काफी मुश्किल होता है.

फिल्म ग्रिपिंग नहीं है, एक तरफ जहां नसीरूद्दीन शाह और लीला सैमसन का रिश्ता इमोशनल है तो वहीं आदित्य और श्रद्धा की कहानी ना रोमांटिक लगती है और ना इमोशनल.

फिल्म क्यों देखें - आदित्य रॉय कपूर, श्रद्धा कपूर या नसीरूद्दीन शाह के दीवाने हैं तो एक बार जरूर देख सकते हैं. ए आर रहमान के उम्दा संगीत के लिए भी फिल्म देखी जा सकती है. फिल्म का आर्ट वर्क, सिनेमेटोग्राफ़ी बेहतरीन है.

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बॉक्स ऑफिस : फिल्म का बजट लगभग 30 करोड़ है और करण जौहर के साथ मनी रत्नम ने फिल्म को प्रोड्यूस किया है। वैसे दंगल पहले से ही बॉक्स आॉफिस पर छाई हुई है और दीपिका की XXX इसी हफ्ते रिलीज हो रही है। ट्रेड पंडितों के हिसाब से फिल्म की लागत आराम से पूरी हो सकती है।

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