'सितारे जमीन पर' ओटीटी पर नहीं होगी रिलीज, आमिर लेने जा रहे ये बड़ा रिस्क, क्या फॉलो करेगा बॉलीवुड?

आमिर अपनी फिल्मों में दमदार कहानी के लिए तो जाने ही जाते हैं, साथ ही फिल्म बिजनेस में भी उनकी पकड़ मजबूत है. अब 'सितारे जमीन पर' से वो फिल्म बिजनेस का एक और नियम बदलने जा रहे हैं, जिसके खिलाफ वो खुद पिछले कुछ समय से आवाज उठाते रहे हैं. आइए बताते हैं उनका ये प्लान है क्या...

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'सितारे जमीन पर' के लिए आमिर का नया बिजनेस प्लान 'सितारे जमीन पर' के लिए आमिर का नया बिजनेस प्लान

सुबोध मिश्रा

  • नई दिल्ली ,
  • 28 मई 2025,
  • अपडेटेड 2:36 PM IST

बॉलीवुड सुपरस्टार आमिर खान की नई फिल्म 'सितारे जमीन पर' का ट्रेलर जबसे आया है, तबसे इस फिल्म को लेकर जनता की एक्साइटमेंट काफी बढ़ी हुई है. आमिर ने इसे अपनी आइकॉनिक फिल्म 'तारे जमीन पर' का स्पिरिचुअल सीक्वल बताया है और ट्रेलर में नजर आ रही कहानी लोगों को इमोशनल करने के साथ-साथ उनके चेहरे पर मुस्कराहट भी लेकर आ रही है. 

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आमिर अपनी फिल्मों में दमदार कहानी के लिए तो जाने ही जाते हैं, साथ ही फिल्म बिजनेस में भी उनकी पकड़ मजबूत है. और अब नई फिल्म से वो फिल्म बिजनेस का एक और नियम बदलने जा रहे हैं, जिसके खिलाफ वो खुद पिछले कुछ समय से आवाज उठाते रहे हैं. आइए बताते हैं कि 'सितारे जमीन पर' से आमिर कौन सा नियम तोड़ने जा रहे हैं और इससे उनकी फिल्म पर क्या असर पड़ सकता है. 

ओटीटी रिलीज से आमिर ने किया किनारा 
आमिर खान ने पिछले कुछ महीनों में बॉलीवुड के बिजनेस मॉडल में ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के रोल को लेकर काफी सवाल उठाए हैं. बीते छह महीनों में वो कई बार इस बात पर जोर दे चुके हैं कि थिएटर्स में रिलीज के 8 हफ्ते बाद ओटीटी पर फिल्म रिलीज करना ऑडियंस में एक गलत मैसेज देता है. बकौल आमिर, 'ये ऐसा है जैसे आप ऑडियंस को बोल रहे हैं कि आप थिएटर्स में आकर मेरी फिल्म देखिए. और अगर आप अभी थिएटर्स नहीं आएंगे तो कोई बात नहीं, 8 हफ्ते बाद मैं खुद अपनी फिल्म आपको फोन पर दिखा दूंगा.' 

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'सितारे जमीन पर' के ट्रेलर में आमिर खान (क्रेडिट: यूट्यूब / आमिर खान टॉकीज)

आमिर सिर्फ 'सितारे जमीन पर' में एक्टर ही नहीं हैं बल्कि इसके प्रोड्यूसर भी हैं. उनकी फिल्म 20 जून को थिएटर्स में रिलीज होनी है यानी अब इसमें पूरा एक महीना भी नहीं बचा. आपने ध्यान दिया होगा कि एक महीने पहले ही बड़ी फिल्मों को लेकर इस तरह की खबरें आने लगती हैं कि फिल्म के लिए किस ओटीटी प्लेटफॉर्म से कितने करोड़ की डील हुई है. मगर 'सितारे जमीन पर' को लेकर ऐसी रिपोर्ट्स सामने आ रही हैं कि आमिर ने इस फिल्म के लिए मिल रही 100 करोड़ रुपये की ओटीटी डील छोड़ दी है. वो अपनी फिल्म ओटीटी पर रिलीज करना ही नहीं चाहते. इसकी बजाय आमिर, थिएट्रिकल रिलीज के बाद अपनी फिल्म से रेवेन्यू जेनरेट करने का एक नया मॉडल अपनाने जा रहे हैं. 

ओटीटी नहीं, यूट्यूब पर आएगी आमिर की फिल्म 
'सितारे जमीन पर' से जुड़ी लेटेस्ट रिपोर्ट्स बताती हैं कि प्रोड्यूसर आमिर खान अपनी फिल्म ओटीटी पर रिलीज ही नहीं करेंगे. 'सितारे जमीन पर' थिएटर्स में रिलीज होने के 8 हफ्ते बाद यूट्यूब पर 'पे पर व्यू' ऑप्शन के साथ उपलब्ध होगी. यानी हर बार फिल्म देखने पर आपको एक निश्चित अमाउंट पे करना होगा. ये कुछ उसी तरह है जैसे आप हर बार थिएटर में जाने पर फिल्म का टिकट खरीदते हैं. 

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हॉलीवुड रिपोर्टर इंडिया के अनुसार, 'आमिर अपनी फिल्म की थिएट्रिकल रिलीज के बाद इसे सीधा स्ट्रीमिंग के लिए रिलीज नहीं करना चाहते क्योंकि ये दर्शकों को बड़ी स्क्रीन पर फिल्में देखने से हतोत्साहित करता है. यही वजह है कि 'सितारे जमीन पर' के पोस्टर पर किसी स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म का लोगो नहीं है.' यूट्यूब पर 'पे पर व्यू' मोड में फिल्म देखने का चार्ज, नॉर्मली एक फिल्म टिकट के आसपास ही रहता है. 

आमिर के इस फैसले का पूरा निचोड़ ये है कि अब दर्शक के पास 'सितारे जमीन पर' देखने के लिए दो ही ऑप्शन हैं- थिएटर्स या यूट्यूब. और चूंकि दोनों ऑप्शन जेब पर लगभग एक बराबर ही भारी पड़ेंगे तो दर्शक बड़े पर्दे पर थिएट्रिकल एक्सपीरियंस के साथ फिल्म देखना ज्यादा प्रेफर करेगा. जहां आमिर का ये फैसला 'सितारे जमीन पर' के थिएट्रिकल एक्सपीरियंस के लिए फायदेमंद हो सकता है, वहीं बिजनेस के नजरिए से इस फैसले में कुछ रिस्क भी हैं. 

आमिर के फैसले में हैं ये रिस्क 
अगर रिपोर्ट्स की मानें तो 'सितारे जमीन पर' के लिए आमिर ने 100 करोड़ की ओटीटी डील का ऑफर ठुकराया है. बॉक्स ऑफिस से होने वाली कमाई से फिल्म कितनी भी कमाई कर ले लेकिन इसमें अगर तो 100 करोड़ जैसी बड़ी रकम और जुड़ जाए तो भला किस प्रोड्यूसर को बुरा लगेगा! तो पहला सवाल ये उठता है कि क्या यूट्यूब के 'पे पर व्यू' मॉडल से आमिर ये भरपाई कर पाएंगे? अगर ये भी मान लें कि ये मॉडल फिल्म देखने के लिए ऑडियंस को थिएटर्स जाने के लिए मोटिवेट करेगा, तो क्या इससे होने वाला फायदा 100 करोड़ की भरपाई कर पाएगा? 

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'सितारे जमीन पर' के लिए आमिर जो प्लान बना रहे हैं उसपर दूसरा सबसे बड़ा खतरा है- पायरेसी. ऐसा नहीं है कि थिएटर्स में रिलीज होने वाली फिल्में पायरेसी का शिकार नहीं बनतीं. लेकिन किसी ऑनलाइन मीडियम पर पायरेसी होने का खतरा बहुत ज्यादा बढ़ जाता है, वो भी यूट्यूब पर. और अगर फिल्म ऑनलाइन लीक हो गई तो पैसे खर्च करके थिएटर्स क्या, किसी भी मीडियम पर दर्शक क्यों ही इसे देखना चाहेगा.

तीसरी सबसे बड़ी समस्या ऑडियंस के बिहेवियर की है. ओटीटी प्लेटफॉर्म का सब्सक्रिप्शन रखने वाले दर्शकों में ये पैटर्न पाया जाता है कि वे प्लेटफॉर्म ओपन करके खंगालना शुरू करते हैं और सामने दिख रहे ऑप्शंस में उन्हें जो कंटेंट दिलचस्प लगता है, उसे देखना शुरू कर देते हैं. यानी डिजिटल शॉपिंग की तरह, डिजिटल व्यूअरशिप में भी जनता अपनी इच्छा से कोई प्रोडक्ट खोजने से ज्यादा, सामने पड़ने वाले प्रोडक्ट ऑप्शन में से चुनने लगी है. 

ओटीटी प्लेटफॉर्म के सब्सक्रिप्शन में दर्शक एक ही फिल्म नहीं देखता बल्कि उसके सामने कंटेंट का पूरा एक संसार होता है. जबकि 'पे पर व्यू' में सिर्फ एक फिल्म के लिए जितना खर्च करना होता है, उससे केवल जरा से ज्यादा खर्च करने पर आज कई ओटीटी प्लेटफॉर्म्स का मंथली सब्सक्रिप्शन मिल जाता है.

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यूट्यूब पर दर्शक को उसकी पिछली चॉइस, लेटेस्ट ट्रेंड्स और लेटेस्ट रिलीज के हिसाब से वीडियोज नजर आते हैं. 'पे पर व्यू' वाले किसी कंटेंट तक कोई दर्शक तभी पहुंचेगा जब वो खुद इसे खोजेगा. इसलिए आमिर जो मॉडल सोच रहे हैं उसकी कामयाबी के लिए ऑडियंस का बिहेवियर बदलना भी जरूरी है. और ये सबसे बड़ा चैलेंज है. हालांकि, आमिर वो बॉलीवुड सुपरस्टार हैं जो ये काम आराम से कर भी सकते हैं क्योंकि उनकी फिल्मों का दमदार कंटेंट, दर्शक को मोटिवेट कर सकता है कि वो खोजकर फिल्म तक पहुंचे. 

'सितारे जमीन पर' में आमिर जो कंटेंट लेकर आ रहे हैं उसमें इतना वजन तो नजर आ ही रहा है कि दर्शक ऑनलाइन आने के बाद इसे खोजकर देखना चाहेंगे. वैसे तो आमिर के इस नए बिजनेस मॉडल को लेकर रिपोर्ट्स ही आई हैं और उन्होंने या उनकी प्रोडक्शन कंपनी ने अभी इसे लेकर कोई ऑफिशियल जानकारी नहीं शेयर की है. फिर भी अगर आमिर असल में ओटीटी छोड़कर यूट्यूब पर 'पे पर व्यू' से रेवेन्यू जेनरेट करने का आईडिया लगाते हैं और ये कामयाब होता है तो ये इंडस्ट्री के लिए एक नई मिसाल बनेगा. 

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