बॉलीवुड के लेजेंड सिंगर्स में गिने जाने वाले मुकेश ने 'कहीं दूर जब दिन ढल जाए' और 'कभी कभी मेरे दिल में' जैसे कई बेहद यादगार गाने गाए. स्वर्गीय सिंगर का शानदार फिल्मी सफर देखकर कोई भी सोच सकता है कि पॉपुलैरिटी ने उन्हें बहुत शोहरत दिलाई होगी. लेकिन अब उनके बेटे नितिन मुकेश ने खुलासा किया है कि शुरूआती कामयाबी के बाद भी मुकेश को बहुत लंबे समय तक संघर्ष करना पड़ा था.
नितिन मुकेश खुद भी कई हिट फिल्मी गाने गा चुके हैं और उनके बेटे नील नितिन मुकेश एक्टर हैं. हाल ही में एक पॉपुलर रियलिटी शो पर मुकेश के 100 साल सेलिब्रेट किए जा रहे थे, जहां नितिन मेहमान बनकर पहुंचे थे. शो पर ही उन्होंने अपने पिता मुकेश के लाइफ स्ट्रगल के बारे में बताया. अपने पिता की कहानी बताते हुए नितिन ने कहा कि उन्होंने कभी किसी के जीवन में इतने उतार-चढ़ाव होने की बात नहीं सुनी.
जब सब्जी वाले से उधार लेने पड़े पैसे
नितिन ने कहा, 'वो कई-कई दिनों तक पानी नहीं पीते थे और खाना भी नहीं खाते थे. लेकिन सबसे ज्यादा हैरानी की बात ये है कि वो 'आवारा हूं' और 'मेरा जूता है जापानी' जैसे मशहूर गाने गाकर 'द मुकेश जी' बन चुके थे, और फिर भी उन्हें इसके बाद 6-7 साल तक स्ट्रगल करना पड़ा.'
उन्होंने आगे बताया, 'एक समय था जब वो मेरी और मेरी बहन की स्कूल फीस नहीं अफोर्ड कर पा रहे थे. मुझे अभी भी याद है कि हमारे घर के बाहर एक सब्जी बेचने वाला होता था जो मुकेश जी से बहुत प्यार करता था और उनकी आवाज उसे इतनी प्यारी थी कि उसने उन्हें कुछ उधार ऑफर किया. और इस तरह मुकेश जी ने हमारी फीस भरी. उन्होंने या उस सब्जी वाले ने कभी हम तक ये जानकारी नहीं पहुंचने दी.
हमेशा हौंसला बढ़ाती थी मां
नितिन ने बताया कि उनकी मां उन्हें ये सबकुछ बताया करती थीं और कहती थीं कि पापा कैसे 'मुश्किल दौर से गुजर रहे थे.' उन्होंने आगे कहा, 'ये जो यादें हैं मैं कभी नहीं भूल सकता, और प्रार्थना करता हूं कि मैं उनके कदमों पर चल सकूं उन्होंने कभी हार नहीं मानी और हमेशा कहते थे कि वो एक विनर बनकर निकलेंगे, और वो विनर बने भी.'
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