42 साल के स‍िकंदर खेर क्यों नहीं कर रहे शादी? बताया अनुपम खेर को किस बात का डर

कुछ समय पहले ही एक्टर सिकंदर खेर से उनकी मां किरण खेर और पिता अनुपम खेर शादी की रिक्वेस्ट करते नजर आए थे. सिकंदर से जब हमने जाना चाहा कि शादी को लेकर उनका वाकई में क्या इरादा है? तो उन्होंने ये जवाब दिया.

Advertisement

नेहा वर्मा

  • मुंबई,
  • 21 नवंबर 2023,
  • अपडेटेड 1:27 PM IST

सिकंदर खेर इन दिनों आर्या 3 की रिलीज के बाद अपनी दमदार एक्टिंग को लेकर चर्चा में हैं. पिछले महीने ही सिकंदर 42 साल के हुए हैं. बेटे की जन्मदिन पर एक खूबसूरत पोस्ट करते हुए अनुपम खेर ने यह बात भी कह डाली थी कि वो और किरण चाहते हैं कि सिकंदर जल्द ही शादी कर लें. 

सिकंदर के बारे में यह बात बहुत अनोखी है कि इतने सालों इंडस्ट्री में रहने के बावजूद उनका नाम किसी एक्ट्रेस से नहीं जुड़ा है. जबकि सिकंदर के जितने भी समकालीन दोस्त रहे हैं, लगभग सभी ने शादी कर अपनी फैमिली की शुरुआत कर दी है. हमने भी जब सिकंदर से उनकी शादी की प्लानिंग पर सवाल किया, तो पहले वो टालते नजर आए, फिर उन्होंने बताया कि शादी को वो एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी मानते हैं. 

Advertisement

 

शादी मेरे लिए एक टास्क की तरह 

सिकंदर कहते हैं, 'शादी को लेकर इतने सवाल आ चुके हैं. अब मैं जवाब के लिए स्क्रिप्ट लिखने लगा हूं. मुझे पता है मेरे माता-पिता लगातार मुझपर इसका दवाब बना रहे हैं. मैं उनकी चिंता भी समझ रहा हूं. उन्हें इस बात का डर है कि मैं बुढ़ापे में कहीं अकेला न पड़ जाऊं. मेरा लाइफ, लव या किसी के साथ जीने का फंडा थोड़ा अलग है. देखिए शादी एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी है. मैं इसे एक टास्क की तरह ही देखता हूं. बहुत सी चीजों की जिम्मेदारियां उठानी पड़ती है. मैं बस शादी करने के लिए शादी नहीं करना चाहता हूं. मैं किसी के साथ ये धोखा नहीं करना चाहता हूं.'

मां के कैंसर ने तोड़ दिया था 

बता दे, सिकंदर की मां किरण खेर कैंसर सरवाइवर रही हैं. सिकंदर बताते हैं उनके लिए इस वक्त से ज्यादा भयावह कोई वक्त था ही नहीं. मां को यूं कीमोथेरिपी लेता देख उनकी जान जाती थी. वो कहते हैं, मैं उन दिनों 2020 में देव पटेल की फिल्म शूट कर रहा था. उस वक्त मुझे मां की बीमारी का पता चला. उस वक्त मेरी शक्ल ही उतर गई थी. उस खबर ने मुझे झकझोर दिया था. वो ऐसा स्कार है, जिसके दाग को कभी हटाया नहीं जा सकता है. वो पूरा प्रोसेस ही बहुत दर्द भरा था. आप सारे जतन करते हैं लेकिन कोई रास्ता नहीं समझ आता है. आखिरकार आपकी यही कोशिश होती है कि कैसे भी आप अपनी मां को खुश रखें. उन्हें कोई तकलीफ नहीं हो. उनके ईर्द-गिर्द लोग सवाल पूछा करते थे, तो उनका जवाब और जज्बा देखकर मैं हैरान हो जाता था. वो दर्द में भी चीयरफुल रहा करती थीं. मैंने मां को भगवान का दर्जा दिया है, मेरी इस दुनिया सबसे पहले उनका ही स्थान आता है. वो बहुत बुरा दौर था, जिससे निकलना मुश्किल था. खैर, मैं उस बारे में सोचना भी नहीं चाहता. 

Advertisement

 

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement