बॉलीवुड के पहले सुपरस्टार राजेश खन्ना ने अपने करियर में जबरदस्त स्टारडम देखा था. वह अपने समय के सबसे फेमस एक्टर में से एक थे. लेकिन इतना सब होने के बाद भी वो अकेलेपन और दर्द से जूझे. जब उनका स्टारडम ढलने लगा तो वो चिड़चिड़े हो गए, जिसका असर उनके रिश्ते पर भी पड़ा और एक दिन वो अपनी पत्नी डिंपल कपाड़िया से अलग हो गए. इसके बाद उनकी लिव-इन पार्टनर रहीं अनीता आडवाणी ने उनका साथ दिया. हाल ही में अनीता आडवाणी ने कई बड़े खुलासे राजेश खन्ना को लेकर किए.
एक इंटरव्यू में बात करते हुए एक्ट्रेस अनीता आडवाणी ने कहा, 'मैंने साल 2000 में उनके साथ रहना शुरू किया. उस समय वह बहुत शांत थे, लेकिन कुछ ड्रिंक्स के बाद वह आक्रामक और गुस्सैल हो जाते थे. मुझे नहीं लगता कि यह उनके करियर की हताशा थी, बल्कि वह छोटी-छोटी बातों पर चिढ़ जाते थे और किसी की भी कही गई बात उन्हें गुस्सा दिला देती थी. वह उस समय बस अपनी भड़ास निकाल रहे थे, क्योंकि उनके पास बहुत सारा बोझ था. उसे कहीं न कहीं तो निकालना ही था, और किसी ने भी उनके जैसा स्टारडम नहीं देखा था, वह शिखर पर थे. लेकिन जब आप वहां से नीचे जाते हैं, तो स्वाभाविक रूप से आप उदास और गुस्सैल हो जाते हैं.'
क्या राजेश खन्ना ने अनीता पर उठाया हाथ?
अनीता आडवाणी ने कहा, 'मनोवैज्ञानिक तौर पर कहें तो, उन्हें ऐसा जरिया चाहिए था, जिससे वो अपनी सारी बातें कह सकें. वह मुझसे कहते थे, 'अगर मैं तुमसे नहीं लड़ूंगा तो किससे लड़ूंगा? जब वह लड़ते थे, तो मेरे यह कहने भर से चिढ़ जाते थे कि उनका कमरा गंदा है, और फिर कहते थे, 'हां' हम ही गंदे हैं, तुम ही केवल साफ हो'. वह मुझ पर कभी फिजिकली अटैक नहीं करते थे, लेकिन जब मैं कुछ गलत कहती या करती थी, तो वह मजाक में मुझे मार देते थे, लेकिन वह कभी हिंसक नहीं होते थे.'
हमारी बहुत लड़ाई होती थी- अनीता
एक्ट्रेस ने बताया, 'हम बहुत झगड़ते थे, और मैं गिनती भी नहीं कर सकती कि कितनी बार हमारे बीच बहस हुई. मैं डायरी लिखती थी, और मुझे लगता था कि मैं सिर्फ उसके साथ हुई बहस के बारे में ही लिखती हूं. मैं अपनी बहन के घर भाग जाती थी, और उसका फोन उठाने से मना कर देती थी. फिर वह अपने स्टाफ के किसी सदस्य को भेजता था, जो एक बड़ा टोकरा लेकर आता था, जिस पर एक छोटा सा नोट लगा होता था. मैं टोकरे से कुछ भी लिए बिना या चिट्ठी पढ़े बिना उसे वापस भेज देती थी. फिर कुछ दिनों तक उसके मनाने के बाद, मैं हार मानकर उसके पास वापस चली जाती थी, क्योंकि मुझे भी उसकी बहुत याद आती थी.'
2012 में हुआ राजेश खन्ना का निधन
बता दें कि राजेश खन्ना का साल 2012 में कैंसर से निधन हो गया था. तब भी अनीता ने बताया था कि एक्टर एक साल से शांत रहने लगे थे. उन्हें अपनी मौत का पहले से ही आभास हो गया था. वह दिन भर रोते रहते थे.
aajtak.in