'इंटीमेट सीन्स की जरूरत नहीं', परेश रावल ने वेब सीरीज के कंटेंट पर उठाए सवाल, कही ये बात

परेश रावल ने वेब सीरीज में दिखाए जाने वाले कंटेंट पर सवाल उठाए हैं. उनका कहना है कि सीरीज में इंटीमेट सीन्स और गालियों का बेमतलब इस्तेमाल किया जाता है. ये सब मेकर्स सिर्फ लोगों की नजर में आने के लिए करते हैं जो गलत है.

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परेश रावल परेश रावल

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 05 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 9:39 AM IST

परेश रावल एक ऐसे एक्टर हैं जो पिछले कुछ समय से काफी सुर्खियां बटोर रहे हैं. उनकी 'हेरा फेरी 3' कॉन्ट्रोवर्सी किसी से नहीं छिपी है. एक्टर हमेशा से अपनी बातों को सीधे तौर पर बिना किसी झिझक रखते आए हैं. अब परेश रावल ने एक और गंभीर मुद्दा उठाते हुए अपनी राय रखी है. उनका कहना है कि वेब सीरीज में दिखाए जाने वाले इंटीमेट सीन्स और गालियां बिना मतलब के होते हैं.

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वेब सीरीज के कंटेंट पर बोले परेश रावल

हाल ही में परेश रावल एक इंटरव्यू में फिल्मों और वेब सीरीज के अंदर दिखाए जाने कंटेंट पर बात करते नजर आए. जब उनसे पूछा गया कि आज के समय में ओटीटी के कारण कंटेंट काफी खराब हो रहा है और पॉलिटिकल पार्टियां उन्हें संस्कारी बनाने की कोशिश कर रही है. तो इसपर एक्टर ने उदाहरण देते हुए कहा, 'मैं आपको एक चुटकुला सुनाता हूं. एक औरत ने पुलिस स्टेशन जाकर शिकायत की कि हमारे सामने वाली बिल्डिंग में एक आदमी बिना कपड़ों के घूम रहा है.'

'पुलिस वाले ने आकर जब चेक किया तो उन्होंने पूछा कि मैडम कहां है? तो औरत ने कहा कि आप स्टूल पर चढ़कर देखिए. तो आपको जहां गंदगी देखनी है, वहां आपको मिल ही जाएगी. बात यही है कि आप मत देखिए. जो भी समाज में होता, सिनेमा वही दिखाता है. हम समाज का आइना हैं. लेकिन हमें हमारी विवेक बुद्धी का सही तरीके से इस्तेमाल करना चाहिए. समाज में हर चीज दिखाने लायक नहीं होती. कुछ चीजें आप संकेत या छोटे रूप से भी दिखा सकते हैं.'

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इंटीमेट सीन्स और गालियां होती हैं बेकार

परेश रावल ने आगे वेब सीरीज में दिखाए जाने वाले इंटीमेट सीन्स पर भी बात की. उनका कहना है कि अब ऑडियंस ये सब देखकर पक चुकी है. ये बेमतलब की चीजें मेकर्स ध्यान पाने के लिए डालते हैं. परेश रावल ने कहा, 'लोग अब पक भी गए थे कि हर दूसरी-तीसरी सीरीज में बेमतलब की गालियां और सेक्स सीन्स आते थे. इनका कहानी या सीन से कोई लेना-देना नहीं होता था. लोगों को लगने लगा कि इससे सभी का ध्यान खींचा जाता है.'

'लोगों की टीआरपी बढ़ी. मगर लोग थक गए. फिर जब मेकर्स ये सब करने से नहीं रुकते हैं तब जाकर सरकार को सामने आना पड़ता है. ये उनका काम है कि समाज की एक सोच को बनाए रखना. लॉकडाउन के टाइम पर बुरी आदत हो गई थी कि आप एक सीरीज देख रहे हैं. अचानक एक इंटीमेट सीन आ जाता है और घर के सभी सदस्य उठकर चले जाते हैं.'

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