डायरेक्टर निधि दत्ता ने हाल ही में बोल्ड स्टेप उठाते हुए अपनी IVF जर्नी के बारे में सोशल मीडिया पर बात की थी. प्रेग्नेंट होने के प्रोसेस के बारे में बात करना अभी भी भारतीय समाज में खराब माना जाता है. ऐसे में निधि को उम्मीद है कि वो इस सोच को बदल पाएंगी. इंडिया टुडे/आजतक से एक्सक्लूसिव बातचीत में निधि दत्ता ने कहा कि उनका अपनी प्रेग्नेंसी के बारे में बात करने का फैसला इस प्रोसेस को आम बनाने और फर्टिलिटी इश्यू झेल रहीं महिलाओं को उम्मीद देने के लिए था.
खास बात ये है कि निधि की प्रेग्नेंसी जर्नी, फिल्म 'बॉर्डर 2' की तैयारी के बीच शुरू हुई थी. इसपर उन्होंने कहा, 'ये टाइमलाइन हैरान करने वाली है. मुझे लगता है कि बेबी के पास पूरी तरह फिल्मी होने के अलावा कोई चॉइस नहीं होगी.'
निधि को दूसरों का दर्द भी पता चला
सोशल मीडिया पर IVF के जरिए प्रेग्नेंट होने के बारे में निधि दत्ता ने बताया था. इस बारे में उन्होंने बातचीत के दौरान कहा कि ये उनके लिए चार साल लंबा सफर रहा है. निधि ने बताया, 'जब मैंने TTC टर्म सुना तो मुझे भी बाकी औरतों की तरह बिल्कुल अंदाजा नहीं था कि ये क्या है. इसका मतलब है- ट्राइंग टू कंसीव (प्रेग्नेंट होने की कोशिश). और हर मरीज जो फर्टिलिटी इश्यू से जूझ रहा है, अडॉप्शन या सरोगेसी का इंतजार कर रहा है, वो इस टर्म के अंदर आता है. मैंने कभी अपने एक्सपीरिएंस के बारे में बात करना प्लान नहीं किया था, न ही इसे लेकर जल्दबाजी की. ये नेचुरली मेरे साथ हुआ. ये बस बातचीत करने का तरीका था, जिसमें मैंने मेरे प्रोसीजर के बारे में बताया. हालांकि जब मैंने इस बारे में बात करना शुरू किया तब मुझे पता चला कि मेरे आसपास भी ढेरों महिलाएं हैं, जो इस सबसे गुजर रही हैं. और मैं शॉक्ड थी. मेरे दिमाग में आया कि भले ही दोस्त के तौर पर, लेकिन कभी तुमने मुझे बताया क्यों नहीं कि तुम इस सबसे गुजर रही हो? मैं समझती हूं कि ये लोगों का निजी मामला है लेकिन इसे नॉर्मल बनाने से लोगों में उम्मीद जागती है.'
निधि दत्ता ने आगे कहा कि उनके पास एक बढ़िया पार्टनर और परिवार है, जो उन्हें हमेशा सपोर्ट करते हैं. लेकिन फिर भी एक महिला को मुश्किल वक्त से अकेले ही गुजरना पड़ता है. उन्होंने कहा, 'आपके हार्मोन हर जगह होते हैं. आपको इंजेक्शन लेने पड़ते हैं. जो आप महसूस कर रहे हैं उन्हें शब्दों में नहीं बताया जा सकता. इतनी सारी महिलाएं हैं, खासकर छोटे शहरों में, जो इन चीजों से गुजर रही हैं. मुझे ऐसी महिलाओं के बारे में भी पता है इन्हें इन चीजों के बारे में बात करने की इजाजत नहीं है, क्योंकि उनके ससुराल वालों को लगता है कि इससे परिवार को शर्मिंदा होना पड़ेगा. मेंटली हमें सपोर्ट की जरूरत है, और ये बात मुझे अपने पोस्ट के बारे आए मैसेज की वजह से समझ आई. किसी एक इंसान को भी एक ही नैया में सवार देख आपको उम्मीद मिलती है.'
मिसकैरेज का सहा दर्द
फिल्ममेकर ने बच्चा चाहने की सेंसिटिव इच्छा को लेकर भी बात की. उन्होंने कहा कि उन्हें लगता है इसे लेकर भी बात होनी चाहिए. निधि दत्ता ने कहा, 'मेरी शादी मार्च 2021 में हुई थी और मई में मैंने नेचुरली कंसीव किया था. जल्द ही मेरा मिसकैरेज हो गया, और वो फिजिकल से जैसा मेरे लिए मेंटल ट्रॉमा था. वो 6-7 हफ्ते हमारे लिए एक कपल के तौर पर बहुत उत्साहित करने वाले थे और इसी वजह से हमें समझ आया कि हमें बेबी चाहिए. फिर हमारे सफर की शुरुआत हुई- नेचुरली, IUI और IVF. लेकिन मुझे वो फीलिंग पता है, वो चाहत, वो दर्द जो मैंने 4 साल तक सहा है. कोई सोशल मीडिया पर अपनी प्रेग्नेंसी अनाउंस करता था तो मुझे बुरा लगता था. मुझे लगता है कि इनफर्टिलिटी से लड़ रही हर महिला को उसकी ताकत दूसरों से अलग बनाती है. अपने सबसे लो फेज में भी मैं उठी और काम पर गई. और मैं वही उम्मीद लोगों को अब देना चाहती हूं.'
सना फरज़ीन