24 नवंबर को हिंदी सिनेमा के दिग्गज एक्टर धर्मेंद्र ने इस दुनिया को हंसते हुए अलविदा कह दिया. धर्मेंद्र ने अपनी पूरी जिंदगी मस्तमौला अंदाज में जी और सभी लोगों को हमेशा खुश रहने की सलाह दी. पर्सनल से लेकर प्रोफेशनल तक वो काफी जिंदादिल इंसान थे. एक परफेक्ट एक्टर होने के साथ ही साथ वो शानदार कलमकार भी थे. जिसकी छोटी सी झलक फिल्म 'इक्कीस' में देखने को मिली है.
ये बता बहुत कम लोग जानते हैं कि धर्मेंद्र अपने फॉर्म हाउस में कविताएं लिखते थे और उसके बाद उसे बकायदा रिकॉर्ड कर अपने सोशल मीडिया पेज पर पोस्ट भी करते थे. अब फिल्म 'इक्कीस' के मेकर्स ने उनकी कविता को फिल्म में सबसे खास जगह देते हुए ट्रिब्यूट दिया है.
धर्मेंद्र और उनकी कविता
मैडॉक फिल्म्स ने अपने सोशल मीडिया पेज पर फिल्म इक्कीस से जुड़ी खास पोस्ट शेयर की. धर्मेंद्र की पंजाबी भाषा में लिखी हुई इमोशनल कविता, उनकी ही आवाज में सुनाई दे रही है. जिसमें धर्मेंद्र कह रहे हैं - 'आज भी मन करता है...अपने गांव जाऊ, तालाब में घुसकर, भैंसों को नहलाऊं. हंसिया (दराती) लेकर खेतों से, चारा भी लाऊं. मिट्टी में कबड्डी वाला खेल खेलना, गांव वाली जिंदगी का किससे मेल (तुलना). पांच नदियों (पंजाब) का मीठा-मीठा पानी, बहती हवाओं में गुरुओं की वाणी. मुश्किल है, मां की गोद (आंचल) को मन से भुलाना. हां ओ मेरी मां, मैं तुझ पर बलिहारी जाऊं. आज भी मन करता है अपने गांव जाऊं... आज भी मन करता है अपने गांव जाऊं...'
मेकर्स ने धर्मेंद्र को उनकी ही कविता के माध्यम से ट्रिब्यूट दिया है. खास बात ये है कि इस छोटे से वीडियो में धर्मेंद्र के साथ एक्टर गोवर्धन आसरानी को भी देखा गया है. जिसका पिछले महीने 20 अक्तूबर को निधन हो गया था. दोनों ही दिवंगत एक्टर ने फिल्म शोले में साथ काम किया था.
मेकर्स ने इसे शेयर करते हुए लिखा, 'धरम जी मिट्टी के सच्चे बेटे थे, और उनके शब्दों में उस मिट्टी की खुशबू है. उनकी यह कविता एक तड़प है, एक लेजेंड से दूसरे लेजेंड को एक ट्रिब्यूट. हमें यह टाइमलेस वर्स गिफ्ट करने के लिए धन्यवाद.
कब रिलीज होगी धर्मेंद्र की आखिरी फिल्म?
बता दें कि दिवंगत एक्टर धर्मेंद्र की इस आखिरी फिल्म का नाम है 'इक्कीस' है. यह फिल्म सच्ची घटना पर आधारित है, जो भारत के सबसे जवान परमवीर चक्र पाने वाले सेकेंड लेफ्टिनेंट अरुण खेत्रपाल की कहानी है. फिल्म में धर्मेंद्र आर्मी ऑफिसर के पिता का किरदार निभा रहे हैं. इसका डायरेक्शन श्रीराम राघवन ने किया है.
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