बॉलीवुड में इनसाइडर आउटसाइडर के बीच की बहस बहुत पुरानी है. कुछ समय पहले ही उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी के गौतमबुद्ध नगर में एक बड़ी फिल्म सिटी बनाने की घोषणा की थी. उनका ऐसा मानना था कि जो कलाकार सिनेमा में काम करने के लिए मुंबई जाते हैं उन्हें उत्तरप्रदेश में ही रोजगार मिलेगा और सिनेमा को नई ऊंचाइयां मिलेंगी. मगर ये बात महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पसंद नहीं आई है. उन्होंने इशारों-इशारों में नई फिल्म सिटी के बनने पर तीखी प्रतिक्रिया दी है.
उद्धव ठाकरे ने हाल ही में इस बारे में बात करते हुए कहा कि- कुछ लोग फिल्म सिटी को मुंबई और महाराष्ट्र से बाहर ले जाना चाहते हैं. अगर वे ऐसा करने में सक्षम हैं तो वे ऐसा कर सकते हैं. मुझे इससे फर्क नहीं पड़ता. मराठी मानुष दादासाहेब फाल्के ने भारत में ये फिल्म इंडस्ट्री बनाने के लिए बड़ा योगदान दिया है और महाराष्ट्र सरकार उनके प्रयास का सम्मान करती है. इस फिल्म इंडस्ट्री के महाराष्ट्र में संरक्षित करने के लिए हम सब कुछ कर सकते हैं.
महाराष्ट्र फिल्म स्टेज और कल्चरल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन ने 3 दिन का ऑनलाइन वेबिनार रखा गया है जिसमें एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री को और मजबूत बनाने पर विचार-विमर्श किया जा रहा है. इसका उद्घाटन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे द्वारा किया गया. उन्होंने अपनी स्पीच के दौरान कहा- मनोरंजन एक ऐसा माध्यम है जो आम नागरिक को दुखों से दूर ले जाता है और एक बेहतर समाज की नींव रखता है. इस क्रम में हम महाराष्ट्र में सस्ते थिएटर्स बनाने का प्लान कर रहे हैं जिससे ज्याजा से ज्यादा लोग मनोरंजन का मजा ले सकें. इसी के साथ हम लोग कुछ शोज को मराठी फिल्मों के लिए भी रिजर्व रखने की योजना बना रहे हैं. मराठी फिल्मों को थिएटर में पर्याप्त शोज नहीं मिल रहे हैं. हम एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में सुरक्षित वातावरण बनाने का प्रयास करेंगे.
हिंदी पट्टी के कलाकारों को मिलेगी राहत
बता दें कि योगी आदित्यनाथ द्वारा नए फिल्म सीटी का निर्माण करने की योजना को भी यूपी और आस-पास के राज्यों के कलाकारों द्वारा खूब समर्थन मिल रहा है. ऐसा माना जा रहा है कि अगर गौतमबुद्ध नगर में नई फिल्म सिटी का निर्माण किया जाता है तो हिंदी पट्टी के नए कलाकारों को रोजगार में राहत मिलेगी और उन्हें इसके लिए बॉलीवुड में जाकर संघर्ष नहीं करना पड़ेगा.
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