आमिर खान ने 44 की उम्र में सीखी थी मराठी भाषा, बोले- ये शर्म की बात है कि...

महाराष्ट्र में चल रहे भाषा विवाद पर आमिर खान ने भी अपनी राय रखी है. एक्टर ने बताया कि उन्होंने स्कूल में मराठी सीखने पर ध्यान नहीं दिया था. लेकिन 44 की उम्र में जाकर उन्होंने ये लैंग्वेज सीखी. इसके लिए बकायदा उन्होंने एक टीचर भी रखा था.

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आमिर खान ने 44 की उम्र में सीखी थी मराठी (Photo: PTI) आमिर खान ने 44 की उम्र में सीखी थी मराठी (Photo: PTI)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 01 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 7:40 AM IST

देश के कई हिस्सों में भाषा पर विवाद गहराया हुआ है. महाराष्ट्र के भी कई शहरों में मराठी बोलने को लेकर इंसीडेंट्स हुए हैं. इस पर बॉलीवुड एक्टर आमिर खान ने भी बात की. एक्टर के मुताबिक जितनी ज्यादा भाषाएं किसी व्यक्ति को आती हैं, उसके लिए उतना ही बेहतर होता है. आमिर ने ये भी बताया कि उन्होंने 44 साल की उम्र में मराठी सीखी थी और अब वो ठीक-ठाक मराठी बोल लेते हैं.

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मराठी सीखना जरूरी, क्या बोले आमिर?

एजेंसी से बातचीत में आमिर ने कहा, "मुझे लगता है, चाहे आप किसी भी क्षेत्र में हों, जितनी ज्यादा भाषाएं जानेंगे, उतना ही फायदेमंद होगा. इसलिए आपके हित में है कि आप जितनी भाषाएं सीख सकते हैं, सीखें. भाषाओं में मैं थोड़ा कमजोर हूं. मुझे कोई नई भाषा सीखने में काफी समय लगता है."

एक्टर ने आगे कहा, "जब मैं करीब 44 साल का था, तब मुझे एहसास हुआ कि मैं मराठी भाषा नहीं जानता. हालांकि स्कूल में मराठी पढ़ाई जाती थी, पर मैंने उस समय ध्यान नहीं दिया था. मुझे लगा कि ये मेरे लिए शर्म की बात है कि मैं अपनी राज्यभाषा नहीं जानता. फिर मैंने एक मराठी टीचर रखा और उनसे मराठी सीखी. अब मैं ठीक-ठाक मराठी बोल पाता हूं."

क्या है महाराष्ट्र में चल रहा भाषा का विवाद?

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आमिर की ये बातें उस समय सामने आई है जब महाराष्ट्र में भाषा को लेकर नया विवाद चल रहा है. यहां रहने वाले लोगों से बोला जा रहा है कि मराठी बोलना जरूरी है. इसी साल के अप्रैल में, महाराष्ट्र सरकार ने स्कूलों में हिंदी को तीसरी अनिवार्य भाषा बनाने का फैसला लिया था, लेकिन बाद में उस फैसले को वापस ले लिया गया. इसके बावजूद मुंबई और पुणे में कई ऐसे मामले सामने आए हैं जहां कथित MNS कार्यकर्ताओं ने उन लोगों से बहस की जो मराठी बोलने से इनकार कर रहे थे.

मालूम हो कि आमिर से पहले, एक्ट्रेस रेणुका शहाणे ने भी इस भाषा विवाद पर अपनी राय दे चुकी हैं. उन्होंने कहा था कि, "अगर आप किसी जगह लंबे समय तक रहते हैं, तो स्थानीय भाषा, स्थानीय संस्कृति को समझना और सम्मान करना बहुत अच्छी बात है. ये सिर्फ भाषा बोलने का सवाल नहीं है, बल्कि इसे सम्मान देने की भावना की बात है. मुझे ऐसे लोग पसंद नहीं हैं जो स्थानीय भाषा और संस्कृति के प्रति सहनशील होने की जरूरत महसूस नहीं करते."

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