Pushkar Singh dhami: OSD से विधायक, फिर उत्तराखंड के सबसे युवा सीएम बनने तक का ऐसा है धामी का सफर

पुष्कर सिंह धामी लगातार तीसरी बार उधमसिंह नगर की खटीमा सीट से चुनाव मैदान में हैं. वे यहां से 2012 और 2017 में चुनाव जीत चुके हैं. धामी इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी के ओएसडी रहे.

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पुष्कर सिंह धामी जुलाई 2021 में उत्तराखंड के 11वें सीएम बने. पुष्कर सिंह धामी जुलाई 2021 में उत्तराखंड के 11वें सीएम बने.

प्रभंजन भदौरिया

  • देहरादून,
  • 31 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 11:07 AM IST
  • धामी 2002 से 2008 के बीच में उत्तराखंड में बीजेपी युवा मोर्चा के दो बार अध्यक्ष रहे
  • पुष्कर सिंह खटीमा सीट से दो बार के विधायक हैं

उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव के लिए 14 फरवरी को मतदान होना है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार तीसरी बार उधमसिंह नगर की खटीमा सीट से चुनाव मैदान में हैं. वे इस सीट से 2012 और 2017 में चुनाव जीत चुके हैं. खास बात ये है कि सीएम बनने से पहले धामी कभी मंत्रिमंडल में मंत्री तक भी नहीं रहे थे. संघ के कार्यकर्ता से राजनीति की शुरुआत करने वाले धामी (45 साल) के नाम उत्तराखंड के सबसे कम उम्र के सीएम बनने का भी रिकॉर्ड है. 

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पुष्कर सिंह धामी का जन्म पिथौरागढ़ के कनालीछिना में 1975 में हुआ था. उनके पिता सेना में सूबेदार थे और परिवार में दूर-दूर तक कोई राजनीति में नहीं था.

धामी ने लॉ की डिग्री हासिल की. इसके बाद वे आरएसएस से एक कार्यकर्ता के तौर पर जुड़े. वे ABVP से भी जुड़े रहे. यहीं से उनकी राजनीति की शुरुआत हुई. धामी 2002 से 2008 के बीच में उत्तराखंड बीजेपी युवा मोर्चा के दो बार अध्यक्ष भी रहे. 

भगत सिंह कोश्यारी के करीबी हैं धामी

पुष्कर धामी उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल से आते हैं और राजपूत जाति से हैं. वे उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और महाराष्ट्र के गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी के करीबी माने जाते हैं. जब भगत सिंह कोश्यारी मुख्यमंत्री थे तो पुष्कर धामी उनके ओएसडी रहे थे. हालांकि, वे कभी किसी सरकार में कैबिनेट मंत्री या राज्यमंत्री के पद पर नहीं रहे. 

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खटीमा सीट से दो बार के विधायक हैं धामी

उत्तराखंड के उधमसिंह नगर जिले की खटीमा विधानसभा सीट सूबे की सबसे हॉट सीट बनकर उभरी है. खटीमा विधानसभा सीट से सीएम पुष्कर सिंह धामी दो बार के विधायक हैं. हालांकि, वे जब वे विधायक बने तो किसी को अंदाजा नहीं था कि वे एक दिन सीएम भी बनेंगे. 

खटीमा सीट पर कांग्रेस का था कब्जा

अलग राज्य बनने के बाद 2002 से खटीमा सीट पर चार बार चुनाव हुए हैं. 2002 और 2007 के चुनाव में कांग्रेस के एडवोकेट गोपाल सिंह राणा यहां से चुनाव जीते थे. लेकिन 2012 में बीजेपी ने भगत सिंह कोश्यारी के मुख्यमंत्री रहते समय उनके ओएसडी रहे पुष्कर सिंह धामी को उम्मीदवार बनाया. इस चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के उम्मीदवार देवेंद्र चंद्र को 5394 वोट से हरा दिया . इसके बाद 2017 के विधानसभा चुनाव में भी धामी ने कांग्रेस के भुवन कापड़ी को 2709 मतों से हरा दिया.

 

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