यूपी में मर्सिडीज पर सवार होकर आ रहा है समाजवाद, ये हैं 'विकास रथ' की खास बात

अखिलेश यादव के रथ यात्रा की जितनी चर्चा रही उतनी ही चर्चा रही मर्सिडीज बस पर बने उनके उस रथ की जिस पर सवार होकर वो उत्तर प्रदेश के गांवों, खलिहानों और किसानों मजदूरों तक समाजवाद का संदेश पहुंचाना चाहते हैं. गुरुवार को उनका रथ निकला तो बहुत धूमधाम से लेकिन घर से चंद कदम दूर चल कर ही लोहिया द्वार के पास पहुंच कर ठिठक गया. रुका तो फिर ऐसा रुका कि लाख कोशिश करने के बावजूद नहीं चल सका और अखिलेश को अपने आगे की यात्रा दूसरी गाड़ी में करनी पड़ी.

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अखिलेश का रथ अखिलेश का रथ

सबा नाज़ / बालकृष्ण

  • लखनऊ,
  • 05 नवंबर 2016,
  • अपडेटेड 4:58 AM IST

अखिलेश यादव के रथ यात्रा की जितनी चर्चा रही उतनी ही चर्चा रही मर्सिडीज बस पर बने उनके उस रथ की जिस पर सवार होकर वो उत्तर प्रदेश के गांवों, खलिहानों और किसानों मजदूरों तक समाजवाद का संदेश पहुंचाना चाहते हैं. गुरुवार को उनका रथ निकला तो बहुत धूमधाम से लेकिन घर से चंद कदम दूर चल कर ही लोहिया द्वार के पास पहुंच कर ठिठक गया. रुका तो फिर ऐसा रुका कि लाख कोशिश करने के बावजूद नहीं चल सका और अखिलेश को अपने आगे की यात्रा दूसरी गाड़ी में करनी पड़ी.

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मुख्यमंत्री आवास के चंद कदम दूर अखिलेश यादव का रथ खराब होकर देर रात तक वहीं खड़ा रहा और आने जाने वालों के लिए कोतूहल का विषय बना रहा. हर आने जाने वाला उस रथ के करीब जाकर उसके भीतर झांकना चाहता था लेकिन पुलिस वाले ऐसे मुस्तैद थे जैसे सचमुच उसके भीतर अभी भी अखिलेश यादव बैठे हों.

आखिरकार देर रात गुड़गांव से मर्सिडीज के इंजीनियर पहुंचे तब कहीं जाकर रथ को वहां से निकाल कर मुख्यमंत्री आवास के भीतर ले जाया गया ताकि उसकी मरम्मत हो सके और आगे की यात्रा के लिए उसे ठीक से तैयार किया जा सके.

खुद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने यह राज खोला कि रथ इसीलिए खराब हो गया क्योंकि हैंड ब्रेक लगाए हुई हालत ही उसे चला दिया गया. रथ चलते ही खराब हो गया तो उसका मजाक उड़ा और मायावती ने इसे दिवालिया रथ करार दे दिया. लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि रथ हाईटेक नहीं है. बाहर की साज सज्जा से लेकर बस के भीतर सुविधाओं तक रथ रूपी बस में सब कुछ बेहद खास है.

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- ड्राइवर की सीट के पीछे दोनों तरफ दो बड़े बड़े आरामदायक सोफे लगाए गए हैं.

- बस के बाईं तरफ जहां अखिलेश यादव बैठते हैं बड़ी सी शीशे की खिड़की है ताकि अखिलेश यादव चलते हुए लोगों का अभिवादन कर सकें और उन्हें देख सकें.

- सोफे के सामने टेलीविजन लगा है और बस के भीतर wifi का भी इंतजाम है.

- सामने के सोफे की सीट के पीछे एक और सोफा लगा है.

- उसके पीछे एक हाइड्रोलिक लिफ्ट लगी है जिस में जाकर अखिलेश यादव बस की छत के ऊपर पहुंच जाएंगे और वहीं से लोगों को संबोधित कर सकते हैं.

- हाइड्रोलिक लिफ्ट के बगल में फ्रिज रखा है और साथ में ही माइक्रोवेव भी रखा है.

- बस में दूसरी तरफ टॉयलेट भी बना है.

- बस के भीतर स्प्लिट एसी लगा है और बस के बाहर चारों तरफ कैमरे लगे हैं जिस से बाहर की हर चीज भीतर से स्क्रीन पर देखी जा सकती है.

- बस के पिछले हिस्से में एक छोटा सा केबिन बना है जिसके भीतर दो सोफे और एक मेज रखे हैं. यहां आकर लंबी यात्रा के बीच में अखिलेश यादव इंतजार कर सकते हैं और अपनी पत्नी डिंपल और बच्चों के साथ चाहे तो समय गुजार सकते हैं.

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- बस के बाहर भी साज सज्जा का खास ध्यान रखा गया है. एक तरफ अखिलेश यादव की स्पोर्ट्स साइकिल चलाते हुए बड़ी सी तस्वीर बनी है और साथ में सरकार की तमाम योजनाओं को दिखाया गया है.

- सरकार की योजनाओं में मैट्रो का जिक्र है, डायल हंड्रेड का जिक्र है और वूमेन पावर हेल्पलाइन को भी दिखाया गया है.

- इस रथ का नाम विकास रथ रखा गया है.

- बस के पिछले हिस्से में मुलायम सिंह की एक बड़ी सी तस्वीर लगी है और साथ में समाजवादी पार्टी के चुनाव चिन्ह साइकिल को दिखाया गया है.

- बस के दूसरी तरफ जनेश्वर मिश्र, राम मनोहर लोहिया और जयप्रकाश नारायण की तस्वीर लगी है.

रथ को बनाने संवारने का पूरा काम मुख्यमंत्री आवास के भीतर ही किया गया और इसे बेहद गोपनीय रखा गया. इसके डिजाइन को खुद अखिलेश यादव ने फाइनल किया और पिछले विधानसभा चुनाव में इस्तेमाल किए गए रथ से इसे बेहतर बनाया गया. मर्सिडीज बस को रथ में बदलने के पीछे कौन है इसको लेकर अखिलेश यादव के करीबी लोग कुछ भी बताने को तैयार नहीं हैं. लेकिन सूत्रों के मुताबिक पांच करोड़ की mercedes बस को चुनाव रथ में बदलने का काम चंडीगढ़ की एक कंपनी ने किया. अब रथ को मरम्मत करके फिर से तैयार किया जा रहा है ताकि जब अखिलेश का रथ बुंदेलखंड की यात्रा पर निकले तो समाजवाद का रथ उत्तर प्रदेश के एक्सप्रेस वे पर सरपट दौड़ सके.

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