चांटे का बदला लेने के लिए ये प्रत्याशी लड़ते हैं चुनाव...

चेहन सिंह को हर चुनाव में करीब 800 से 1500 तक ही वोट मिल पाते हैं. बावजूद इसके वो याकूब को चुनाव हरवाने का हर मुमकिन कोशिश करते आए हैं.

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यूपी पुलिस में सिपाही रह चुके हैं चेहन सिंह यूपी पुलिस में सिपाही रह चुके हैं चेहन सिंह

संजय शर्मा

  • मेरठ,
  • 04 फरवरी 2017,
  • अपडेटेड 10:18 AM IST

मेरठ दक्षिण से शिवसेना उम्मीदवार चेहन सिंह बालियान खुद की जीत के लिए नहीं बल्कि बीएसपी उम्मीदवार हाजी याकूब कुरैशी की हार का एजेंडा लेकर पिछले तीन चुनाव से मैदान में उतरते आए हैं. जिस सीट बीएसपी के हाजी याक़ूब चुनाव लड़ते है चेहन सिंह भी वहीं से पर्चा भरते हैं. चेहन सिंह एक चांटे का बदला लेने के लिए हर बार चुनावी समर में उतरते हैं जिसने इनकी जिंदगी बदल दी.

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मेरठ के देहात में जनसम्पर्क कर रहे शिवसेना उम्मीदवार चेहन सिंह बालियान के लिए पिछले तीन चुनाव स्वाभिमान की लड़ाई का मैदान रहे हैं. बसपा सरकार में मंत्री रहे हाजी याक़ूब ने यूपी पुलिस में सिपाही रहे चेहन सिंह को ड्यूटी के दौरान थप्पड़ मारा था. बस उसी के बाद चेहन सिंह ने खाकी उतारी और खादी पहन ली. इस्तीफ़ा देकर याकूब के खिलाफ चुनावी युद्ध का ऐलान कर दिया. याकूब सरधना से लड़े या मेरठ से, चेहन सिंह वहीं ताल ठोक देते हैं.

रिकॉर्ड की बात करते ही चेहन सिंह अपनी जीत की नहीं याकूब की हार का बखान करते हैं. वो कहते हैं कि मैंने याकूब को कब-कब हरवाया. हालांकि चेहन सिंह को हर चुनाव में करीब 800 से 1500 तक ही वोट मिल पाते हैं. बावजूद इसके वो याकूब को चुनाव हरवाने का हर मुमकिन कोशिश करते आए हैं.

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चेहल सिहं दो चुनाव तो निर्दलीय लड़े लेकिन इस बार उन्हें शिवसेना का टिकट मिल गया हैं. अब वो बीजेपी के कमल पर अपने तीर चलाने को तैयार हैं. चेहल सिंह के साथ मुट्ठी भर कार्यकर्ता नारे लगाते चलते हैं और उनका काफिला स्वाभिमान की राह पर आगे बढ़ जाता है जिसका मकसद सिर्फ याकूब कुरैशी को हराना है और याकूब के चांटे का बदला चुनाव में चुकाना है.

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