UP Chunav 2022: ऐसा क्या बोल गए बीजेपी के महेश शर्मा, उनको बॉयकॉट करने की बात हो गई?

Election in UP 2022: सोशल मीडिया पर इस समय नोएडा से बीजेपी सांसद महेश शर्मा को बॉयकॉट करने की मांग हो रही है. उनके एक बयान ने बीजेपी की मुसीबत बढ़ा दी है. ये बयान राजा मिहिर भोज की जाति को लेकर दिया गया है.

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विवादों में फंसे बीजेपी के महेश शर्मा विवादों में फंसे बीजेपी के महेश शर्मा

राम किंकर सिंह

  • नई दिल्ली,
  • 09 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 10:40 AM IST
  • यूपी चुनाव में राजा मिहिर भोज की जाति पर बवाल
  • गुर्जर और राजपूत समाज के बीच बढ़ती तकरार
  • बीजेपी सांसद ने राजपूतों को किया नाराज, बढ़ी चुनौती

यूपी चुनाव (UP Election) की तारीखों का ऐलान हो चुका है. पहले फेज में एनसीआर वाली सीटों पर वोटिंग होने वाली है. ऐसे में सभी पार्टियां अब इसी क्षेत्र में सक्रिय हो ली हैं और वोटरों को लुभाने का प्रयास कर रही हैं. लेकिन इस प्रयास के बीच बीजेपी के लिए मुसीबत खड़ी हो गई है. ये मुसीबत नोएडा से सांसद महेश शर्मा की वजह से हुई है. उन्होंने एक कार्यक्रम के दौरान राजा मिहिर भोज को गुर्जर बता दिया. इसी वजह से सोशल मीडिया पर BoycottMaheshSharma ट्रेंड कर रहा है.

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महेश शर्मा को लेकर बवाल क्यों?

अब दरअसल हुआ यूं कि 6 जनवरी को महेश शर्मा पंडित दीनदयाल उपाध्याय संस्थान में एक गुर्जर गैलरी का अवलोकन करने गए थे. उस कार्यक्रम में उन्होंने राजा मिहिर भोज को एक गुर्जर कह दिया था. उनका वो बयान राजपूत समाज को गवारा नहीं हुआ और उनके खिलाफ सोशल मीडिया पर मुहिम छेड़ दी गई. एक लाख से ज्यादा ट्वीट कर  BoycottMaheshSharma ट्रेंड करवा दिया गया.

इस पूरे विवाद पर अखंड राजपूताना सेवा संघ के प्रदेश अध्यक्ष अजय सिंह ने भी अपनी आपत्ति दर्ज करवाई. उन्होंने कहा कि क्षत्रिय इतिहास के साथ छेड़छाड़ का ट्रेंड चुनाव में भारी पड़ सकता है. डॉक्टर महेश शर्मा ने मिहिर भोज को गुर्जर बताने की कोशिश की है, ये राजपूत इतिहास को धूमिल करने के समान है. अजय सिंह के मुताबिक प्रतिहार राजपूतों का ही एक वंश है.

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जातीय समीकरण कैसे बना चुनौती?

लेकिन इस पूरे विवाद पर महेश शर्मा ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. इससे पहले सीएम योगी ने भी मिहिज भोज को गुर्जर बता विवाद खड़ा कर दिया था. तब भी राजपूत संगठनों ने खूब बवाल काटा था और प्रदर्शन भी किया गया. अब चुनाव तारीखों के ऐलान के बाद महेश शर्मा ने फिर इस मुद्दे को छेड़ दिया है.

अब चुनावी मौसम में ये मुद्दा बीजेपी के लिए मुसीबत इसलिए बन सकता है क्योंकि गाजियाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा की सीटें राजपूत बहुल मानी जाती हैं. यहां पर जीतने के लिए इस समाज का समर्थन जरूरी रहता है. लेकिन महेश शर्मा के एक बयान ने बीजेपी की चुनौती को बढ़ा दिया है.

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