उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से ठीक पहले समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल यादव के बीच गठबंधन हो गया है. चाचा-भतीजे में सुलह-समझौते के करीब चार साल के बाद सपा के पोस्टर और होर्डिंग में शिवपाल यादव की वापसी हुई है. अखिलेश यादव के स्वागत में मैनपुरी में लगाए गए पोस्टरों में शिवपाल की तस्वीर लगाई गई है.
मैनपुरी में समाजवादी पार्टी की विजय रथ यात्रा का आठवां चरण शुरू हो रहा है. मैनपुरी और इटावा के इलाके में अखिलेश यादव के समाजवादी विजय रथ यात्रा के लिए लगाए गए पोस्टरों में शिवपाल यादव की तस्वीर भी है. अखिलेश यादव के ठीक बगल में शिवपाल यादव खड़े नज़र आ रहे हैं. अभी भले ही चाचा की एंट्री समाजवादी विजय रथ में हो या न हो पर सपा के पोस्टर्स में जरूर हो गई है.
शिवपाल के बेटे को भी जगह
सपा के पोस्टर में शिवपाल यादव ही नहीं बल्कि उनके बेटे आदित्य यादव की भी तस्वीर लगाई गई है. यह पोस्टर हरिप्रकाश यादव के द्वारा मैनपुरी में सपा के विजय यात्रा के लिए लगाया गया है, जिसमें अखिलेश यादव के बराबर में शिवपाल यादव को जगह दी गई है तो ऊपर में मुलायम सिंह यादव के साथ रामगोपाल यादव और आदित्य यादव को जगह दी गई है. यह
मुलायम सिंह को कर्मभूमि मैनपुरी में समाजवादी विजय रथ लेकर अखिलेश यादव पहुंचे हैं. अखिलेश यादव के स्वागत में पार्टी नेताओं के द्वारा लगाए पोस्टरों में चाचा शिवपाल यादव को भी जगह दी गई है. अखिलेश के साथ रिश्ते बिगड़ने के बाद शिवपाल यादव ने 2018 में प्रगतिशील समाजवादी पार्टी का गठन कर लिया था. इसके चलते सपा के पोस्टरों से शिवपाल यादव पूरी तरह से नदारद हो गए थे.
सपा के पोस्टर और होर्डिंग में अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव की तस्वीर ही नजर आती थी. वहीं, इससे पहले तक सपा के बैनर, पोस्टर और होर्डिंग में शिवपाल यादव छाए रहते थे. लेकिन, 2017 के चुनाव से पहले सियासी वर्चस्व के लिए मुलायम कुनबे में कलह मच गई थी. शिवपाल और अखिलेश के समर्थक सड़क पर उतर आए थे और सपा दो खेमे में प्रदेश से लेकर जिले तक में बंट गई थी.
ऐसे में सपा के नेताओं ने शिवपाल से पूरी तरह किनारा कर लिया था, लेकिन अब जब फिर से चाचा-भतीजे साथ आए हैं तो फिर से अखिलेश यादव के साथ शिवपाल की जुगलबंदी पोस्टरों में दिखने लगी है. शिवपाल यादव ने सपा में विलय तक के लिए संकेत दे दिए हैं. उन्होंने सोमवार को प्रेस कॉफ्रेंस करके कहा कि हमारी पार्टी के नेता सपा के चुनाव निशान पर लड़ सकते हैं. इसके अलावा उन्होंने कहा कि अब अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री बनाने का काम करना है, जिसके लिए वो पूरी ताकत लगाएंगे.
समर्थ श्रीवास्तव