तुगलक मैगजीन के संपादक और तमिलनाडु के दक्षिणपंथी विचारक एस. गुरुमूर्ति ने कहा है कि फिल्म स्टार रजनीकांत की सेहत को देखते हुए उन्होंने खुद यह सलाह दी थी कि उन्हें राजनीति में नहीं उतरना चाहिए.
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव साउथ 2021 के एक सेशन में चर्चा के दौरान गुरुमूर्ति ने कहा कि तमिलनाडु में अब कोई आइकन जैसा नेता नहीं है. अचानक कोई आइकन नहीं हो सकता. रजनीकांत का नाम काफी पहले से चल रहा था, लेकिन दुर्भाग्य से वह नहीं आ पाए.
उन्होंने कहा, 'मैंने खुद रजनीकांत को सलाह दी कि राजनीतिक दल का गठन काफी कठिन काम है. मैंने हमेशा इस बात पर जोर दिया है कि यह बहुत कठिन क्षेत्र है और उनके सेहत को देखते हुए उनके लिए इसे संभालना आसान नहीं है. उनके बीपी में काफी उतार-चढ़ाव होता है.'
मैं उनका अच्छा दोस्त हूं
गुरुमूर्ति ने कहा, 'रजनीकांत इस बात पर विचार कर रहे थे कि राज्य पर क्या असर डाल सकते हैं, तमिलनाडु की राजनीति में क्या बदलाव ला सकते हैं? लेकिन उनके पास समय बहुत कम था और सेहत ठीक नहीं थी. इसलिए मुझे उनके निर्णय पर बहुत अचरज नहीं हुआ. मैं इसके लिए तैयार हुआ था. मुझे तो उनके राजनीति में आने के ऐलान से अचरज हुआ था. '
उन्होंने कहा कि रजनीकांत बुनियादी रूप से राष्ट्रवादी हैं और उन्हें ऐसा लगता है कि वह राज्य के लिए जो कुछ करना था, नहीं कर पा रहे हैं. वह चुप तो नहीं बैठेंगे, लेकिन सक्रिय रूप से काम नहीं कर पाएंगे.
अब क्या करेंगे फैन
रजनीकांत के फैन अब क्या करेंगे? इस सवाल पर गुरुमूर्ति ने कहा, 'वह ऐसे एक्टर हैं जिन्होंने पिछले तीस साल से अपने फैन क्लब का राजनीतिकरण किया है. वह एमजी रामचंद्रन के बाद ऐसा करने वाले पहले अभिनेता हैं. लेकिन उनके फैन उनकी भावना को समझते हैं. उनकी ईमानदारी और सत्यनिष्ठा पर कोई भी सवाल नहीं कर सकता.'
अब रजनीकांत राजनीति में नहीं हैं तो उनके इस फैन बेस का लाभ किसको मिलेगा? इस सवाल पर गुरुमूर्ति ने कहा कि रजनीकांत ने फैन्स को इस बारे में कोई गाइडेंस नहीं दिया है, इसलिए उन्हें जो समझ में आएगा करेंगे. रजनीकांत एक तरफ राहत महसूस कर रहे होंगे, तो दूसरी तरफ उन्हें इसका दुख भी होगा.
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