पंजाब के 117 सदस्यीय विधानसभा में तलवंडी सबो (Talwandi Sabo Seat) की क्रम संख्या 94 है. यह राज्य के उन चंद सीटों में से एक है जिसमें 2017 के चुनाव में आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार ने कामयाबी हासिल की थी. वैसे यह सीट कभी कांग्रेस का गढ़ हुआ करती थी.
तलवंडी सबो विधानसभा जिसे पंजाब के मालवा में शिरोमणि अकाली दल की सीट के नाम से जाना जाता है. चाहे इस पर कांग्रेस कई बार जीत चुकी हो लेकिन तख्त श्री दमदमा साहिब जो सिखों का पांचवां तख्त है. यहां पर स्थित होने के कारण इसे अकाली सीट के नाम से ज्यादा जाना जाता है.
सामाजिक तानाबाना
यहीं से ही पिछले दिनों मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने वाले पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने 1985 में चुनाव लड़कर शिरोमणि अकाली दल बादल की टिकट पर जीत दर्ज की थी और पंजाब में खेतीबाड़ी मंत्री बने थे. लेकिन 2017 के चुनाव में इस सीट पर आम आदमी पार्टी ने जीत हासिल कर दोनों बड़े विरोधी पार्टियों (कांग्रेस-अकाली दल) को चित कर दिया था.
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तलवंडी शाबो पंजाब की राजधानी चंडीगढ़ से लगभग 225 किलोमीटर, बठिंडा से 28 किलोमीटर, रामा मंडी से 15 किलोमीटर, मोर मंडी से 20 किलोमीटर और मनसा से 30 किलोमीटर के फासले पर स्थित है.
इसके आसपास बड़े शहर बठिंडा मनसा रामपुरा फूल और रामा मंडी पढ़ते हुए तलवंडी सबो को कोई रेलवे ट्रैक नहीं है. नजदीक में रेलवे ट्रैक पर रामा मंडी मोड़ और बठिंडा है. यह शहर हरियाणा और राजस्थान के साथ लगता है. धार्मिक तौर पर इसकी बहुत महत्ता है. पंजाब में वैसाखी के समय यहीं पर सबसे बड़ा मेला लगता है और उसी समय राजनीतिक पार्टियां अपने चुनावी प्रचार को भी जोर शोर से करती हैं.
हर साल लाखों की संख्या में देश-विदेश से लोग यहां तख्त श्री दमदमा साहिब के दर्शन करने आते हैं. यहां पर दशम गुरु श्री गुरु गोविंद सिंह जी ने श्री गुरु ग्रंथ साहब को पूर्ण करवा सिख पंथ का 11वां गुरु साहब बनाया था. आज वहां पर गुरुद्वारा लिखन सर साहब मौजूद है.
राजनीतिक पृष्ठभूमि
तलवंडी सबो विधानसभा सीट पर कांग्रेस का कब्जा रहा है. हालांकि यह सीट कैप्टन अमरिंदर सिंह की वजह से जानी जाती है. 1985 के चुनाव में कैप्टन ने अकाली दल के टिकट पर यहीं से चुनाव लड़ा था और जीत भी हासिल की थी. हालांकि इसके बाद वह फिर कभी इस सीट से चुनाव नहीं लडे़.
1992 में कैप्टन अमरिंदर सिंह अकाली छोड़ कांग्रेस में शामिल हो गए. इस साल हुए चुनाव में कांग्रेस के हरमिंदर सिंह जस्सी ने जीत हासिल की. 1997 में भी वह जीते. 2002, 2007 और 2012 में कांग्रेस के टिकट पर जीतमोहिंदर सिंह सिद्धू ने जीत हासिल की. 2014 के उपचुनाव में जीतमोहिंदर सिंह सिद्धू अकाली दल के टिकट पर चुनाव लड़े और जीत गए.
2017 का जनादेश
तलवंडी सबो सीट पर 2017 के चनाव में आम आदमी पार्टी की बलजिंदर कौर ने जीत हासिल की थी. उन्होंने मुकाबले में अकाली दल के चार बार के विधायक जीत महेद्र सिंह सिद्धू और कांग्रेस के खुशबाज सिंह जटाना को हरा जीत दर्ज की थी. बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार सुरेशकुमार को 913 वोट मिले थे.
तलवंडी सबो सीट पर बलजिंदर कौर पहली महिला उम्मीदवार हैं जिन्होंने सीट पर जीत दर्ज की है. इससे पहले कभी कोई महिला इस सीट पर जीत दर्ज करने में सफल नहीं रही थी.
2019 के संसदीय चुनाव के दौरान भी आम आदमी पार्टी ने बठिंडा से उनको अपना उम्मीदवार बनाया था लेकिन वह चुनाव हार गईं और तीसरे नंबर पर रही थीं.
रिपोर्ट कार्ड
आम आदमी पार्टी की विधायक बलजिंदर कौर पहली बार विधायक बनी हैं और उन्होंने विरोधी पार्टी में होने के कारण मौजूदा कांग्रेस सरकार के खिलाफ विधानसभा में भी जोरदार आवाज उठाई है.
विधायक बलजिंदर कौर आम आदमी पार्टी के महिला विंग की प्रधान होने के कारण महिलाओं में भी बहुत परिचित हैं. वह अपने क्षेत्र में लगातार लोगों के साथ मिलकर रहती हैं और महिलाओं के मुद्दे पर अक्सर सरकार से सवाल करती रहती हैं.
बलजिंदर कौर का जन्म 14 सितंबर 1986 को पिता दर्शन सिंह और माता रनजीत कौर के घर में हुआ था. बलजिंदर की शादी सुखराज सिंह के साथ में हुई जो अमृतसर में रहते हैं.
उन्होंने 2009 में पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला से एमफिल की डिग्री पूरी की. इससे पहले इंग्लिश की मास्टर ऑफ आर्ट्स की पढ़ाई की थी और उसके बाद माता गुजरी कॉलेज फतेहगढ़ साहिब में अध्यापक के तौर पर काम किया जिसके बाद उन्होंने आम आदमी पार्टी को ज्वाइन किया. वह 2017 में विधायक बनीं और 2019 में उनकी शादी हुई. वह एक बेटी की मां भी हैं.
विधायक बलजिंदर कौर ने 2011 में इंडिया एंटी करप्शन की मेंबर बनीं और 2012 में आम आदमी पार्टी को ज्वाइन किया जिसके बाद 2014 में वह चुनाव लड़ीं और शिरोमणि अकाली दल बादल के जीत महेंद्र सिद्धू से 15000 के वोट के अंतर से हार गई थीं. लेकिन 2017 में उन्होंने शिरोमणि अकाली दल और कांग्रेस के उम्मीदवार को हराकर यह सीट आम आदमी पार्टी को दिलवाई.
किरणजीत रोमाना