पंजाब की सत्ता की कमान संभालने के बाद से ही मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी एक्शन में हैं. 2022 के चुनाव के समीकरण को देखते हुए चन्नी एक के बाद एक लोक-लुभावने वादे कर रहे हैं तो दूसरी तरफ ऐसे कदम उठा रहे हैं, जिससे कांग्रेस को चुनावी फायदा मिल सके. इसी कड़ी में सीएम चन्नी ने सूबे में 'मिशन क्लीन' शुरू करने का ऐलान किया है, जिसके तहत राज्य में रेत खनन, शराब और नशा माफिया पर नकेल कसने का प्लान है.
पंजाब की सियासत में रेत खनन, शराब और नशा एक बड़ा चुनावी मुद्दा है, 2017 में अकाली दल की हार में यह एक बड़ी वजह रही है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू इन्हीं मुद्दों को लेकर अपनी ही पार्टी की सरकार पर सवाल खड़े करते रहे हैं और माफिया पर नकेल कसने की मांग करते रहे हैं. ऐसे में सीएम चन्नी ने रविवार को राज्य के डिप्टी कमिश्नर और जिला पुलिस प्रमुखों को रेत और शराब के अवैध धंधे में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं.
मुख्यमंत्री चन्नी ने साफ तौर पर आदेश दिया है कि नशे के कारोबार और भ्रष्ट कार्यों में लिप्त लोगों के साथ किसी भी किसी तरह का लिहाज न बरते जाए. उन्होंने कहा कि त्योहारों के मौसम के मद्देनजर दुकानदारों को पटाखे और खाने-पीने की वस्तुओं समेत अपना सामान बेचने में हर संभव सहयोग देना चाहिए है.
ड्रग माफिया पर नहीं हुआ था एक्शन?
पंजाब में ड्रग्स के मुद्दे को लेकर कांग्रेस ने जनता से वादा किया था कि वह चार सप्ताह में नशे को पूरी तरह से खत्म कर देंगे, लेकिन सरकार के साढ़े चार साल बीत जाने के बाद भी ड्रग माफिया के खिलाफ कोई संतोषजनक कार्रवाई करने में नाकाम रहे.
अकाली दल की सत्ता जाने में यह अहम कारण रहा था. सूबे में जिन लोगों को नशा बेचने के आरोप में पकड़ कर जेल भेजा जाता है उनके परिजन पुलिस पर गलत केस में फंसाकर धक्केशाही का आरोप लगाते हैं. एक समय में किसी से दुश्मनी निकालने के लिए नशे के केस में जेल भेजना एक सियासी हथियार बन गया था.
पंजाब में रेत माफिया का मुद्दा पिछले दो दशक से छाया है, क्योंकि रेत की किल्लत होने के बाद दाम आसमान को छूने से कंस्ट्रक्शन रुकने सहित कीमतें बढ़ गईं, जिसके लिए सरकारें पोल्यूशन क्लीयरेंस न मिलने की दुहाई देती रही है. पंजाब में रेत माफिया अवैध खनन कर मोटे पैसे लेकर बेच रहे हैं, जिससे आम जनता त्रस्त हैं. इसीलिए विपक्ष इसे लेकर मौजूदा सरकार को घेरते रहे हैं, जिसे लेकर अब सीएम ने सख्त निर्देश दिए हैं.
मुख्यमंत्री चन्नी ने कहा कि रेत लाने-ले जाने में शामिल लोगों को अधिक वसूली नहीं करनी चाहिए और इस संबंध में किसी भी किस्म की लापरवाही को हरगिज बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि गांवों के विकास कार्यों के लिए रेत और बजरी की लेवलिंग के लिए पंचायतों से कोई वसूली नहीं की जानी चाहिए.
मुख्यमंत्री ने विजिलेंस ब्यूरो के डायरेक्टर सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय और समूह एसएसपीज़ की उपस्थिति में विजिलेंस विभाग की बैठक कर मिशन क्लीन की सफलता को सुनिश्चित बनाने के निर्देश दिए. चरणजीत सिंह चन्नी ने इस तरह से विपक्ष के मुद्दे की हवा निकाल दी है.
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