Punjab Election: 'न सिद्धू न चन्नी', सुनील जाखड़ बोले- कैप्टन के जाने के बाद दोनों नहीं थे CM के लिए विधायकों की पसंद

सुनील जाखड़ अबोहर विधानसभा क्षेत्र में अपने रिश्तेदार के लिए प्रचार करने पहुंचे थे. यहां उन्होंने कहा, कांग्रेस आलाकमान ने 79 विधायकों से सीएम पद के लिए वोट देने को कहा था. इसमें से 42 विधायक मेरे पक्ष में थे.

Advertisement
पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़

मनजीत सहगल

  • चंडीगढ़,
  • 02 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 11:32 AM IST
  • 'सिद्धू का 6 और चन्नी का 2 विधायकों ने किया था समर्थन'
  • जाखड़ ने कहा- सबसे ज्यादा विधायकों के समर्थन के बावजूद नहीं बने सीएम

पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने बड़ा खुलासा किया है. उन्होंने दावा किया है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह के कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद चरणजीत सिंह चन्नी और नवजोत सिंह सिद्धू मुख्यमंत्री पद के लिए सबसे कम पसंदीदा संभावितों में से थे. दरअसल, सुनील जाखड़ का एक वीडियो वायरल हो रहा है. उसमें वे इस तरह के दावे करते नजर आ रहे हैं. 

Advertisement

सुनील जाखड़ का ये वीडियो ऐसे समय आया, जब पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और नवजोत सिंह सिद्धू पंजाब में कांग्रेस का सीएम चेहरा बनने के लिए आमने सामने हैं और कांग्रेस सीएम चेहरे के लिए सर्वे कर रही है. 
 
सुनील जाखड़ अबोहर विधानसभा क्षेत्र में अपने रिश्तेदार के लिए प्रचार करने पहुंचे थे. यहां उन्होंने कहा, कांग्रेस आलाकमान ने 79 विधायकों से सीएम पद के लिए वोट देने को कहा था. इसमें से 42 विधायक मेरे पक्ष में थे. जबकि सुखजिंदर रंधावा को 16, प्रणीत कौर को 12 विधायकों ने वोट दिया था. वहीं, नवजोत सिंह सिद्धू को 6 और चरणजीत चन्नी को दो वोट मिले थे. 

जाखड़ ने कहा, मुझे डिप्टी सीएम का पद ऑफर किया गया 

जाखड़ ने कहा, भले ही वे सीएम न बने हों, लेकिन उन्हें इस बात की खुशी है कि ज्यादातर विधायकों ने उनका समर्थन किया है. मेरी नाराजगी सिर्फ इतनी थी कि सबसे ज्यादा वोट मिलने के बाद भी मुझे सिर्फ उपमुख्यमंत्री का पद ऑफर किया गया. 

Advertisement

सुनील जाखड़ इस बार विधानसभा चुनाव नहीं लड़ रहे हैं. उन्होंने अपने समर्थक विधायकों को धन्यवाद कहा. उन्होंने कहा, यह वही है, जो मैंने अपने राजनीतिक करियर में पाया है. मुझे कोई पद नहीं मिला, लेकिन विधायक मेरे पक्ष में थे. 

सुनील जाखड़ अकेले कांग्रेस नेता नहीं हैं जिन्होंने नाराजगी जताई. गृह मंत्री सुखजिंदर रंधावा ने हाल ही में दावा किया था कि उनके नाम पर नवजोत सिद्धू ने आपत्ति जताई थी. दरअसल, कांग्रेस ने अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के बाद सभी नेताओं को दरकिनार कर चन्नी को सीएम बनाया था. 

कांग्रेस ने दलित नेता पर खेला दांव

जानकारों का मानना है कि कांग्रेस ने ये कदम पंजाब के दलित वोटरों को लुभाने के लिए उठाया है. हालांकि, इस दौरान कांग्रेस पर जाट और सिख समुदाय की अनदेखी का आरोप लगा. राजनीतिक विश्लेषक प्रोफेसर प्रमोद कुमार का मानना है कि जाट समुदाय की अनदेखी के अलावा कांग्रेस को हिंदू और सिखों के बीच फूट पैदा करने की भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है. 

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement