पंजाब में AAP को बंपर जनादेश, संसद में भी ताकतवर हो जाएगी अरविंद केजरीवाल की पार्टी

पंजाब में जारी मतगणना में आम आदमी पार्टी बहुमत के करीब नजर आ रही है. आप के चुनाव जीतने पर पार्टी को दोहरा फायदा होगा. अप्रैल में राज्यसभा में पंजाब के 5 सांसदों का कार्यकाल खत्म हो रहा है. इस पर आप के प्रत्याशियों की एंट्री हो सकती है.

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दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल (File Photo) दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल (File Photo)

सतेंदर चौहान

  • चंडीगढ़,
  • 10 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 2:43 PM IST
  • 5 राज्यसभा सीटों पर अप्रैल में होना है चुनाव
  • अंबिका सोनी और सुखदेव ढींढसा का भी खत्म हो रहा कार्यकाल

पांच राज्यों की चुनावों के बीच जारी मतगणना के बीच पंजाब में आम आदमी पार्टी बहुमत में पहुंचती नजर आ रही है. शुरुआती रुझानों में आप (AAP) 91 सीटों पर आगे चल रही है. वहीं, कांग्रेस 17, भाजपा 02 और अन्य दल 07 सीटों पर आगे चल रहे हैं.

अगर यही रुझान नतीजों में बदल जाता है तो आम आदमी पार्टी को इसका काफी फायदा मिलेगा. अप्रैल में पंजाब की 5 राज्यसभा सीटों पर चुनाव होना है. बहुमत आने पर इन 5 सीटों के लिए कांग्रेस अपने प्रत्याशियों को सांसद बना सकती है. 

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इन 5 सांसदों का खत्म हो रहा कार्यकाल

अप्रैल में कांग्रेस के प्रताप सिंह बाजवा, शमशेर सिंह दूलो, नरेश गुजराल, अंबिका सोनी और अकाली दल से अलग हुए सुखदेव सिंह ढींढसा का कार्यकाल अप्रैल में खत्म हो रहा है. इसके बाद अप्रैल में ही इन पांचों सीटों पर चुनाव होने हैं. ऐसे में आम आदमी पार्टी अपने 5 राज्यसभा सदस्यों को आसानी से राज्यसभा भेज सकती है.

2017 में 77 सीटें जीतकर सत्ता में लौटी थी कांग्रेस

जिन पांच राज्यों के नतीजे आज आ रहे हैं, उनमें 117 सीटों वाला पंजाब एकलौता राज्य है, जहां कांग्रेस सत्ता में है. पंजाब विधानसभा का कार्यकाल 27 मार्च 2022 को समाप्त हो रहा है. यहां कांग्रेस ने सीएम चरणजीत सिंह चन्नी और प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्दू की अगुवाई में चुनाव लड़ा तो वहीं आम आदमी पार्टी का नेतृत्व भगवंत मान ने किया. इस बार अकाली दल बसपा के साथ मिलकर चुनाव में उतरा तो वहीं बीजेपी ने कैप्टन अमरिंदर सिंह और सुखदेव ढीढसा की पार्टी के साथ गठबंधन किया था. पंजाब में 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 77 सीटें जीतकर दस साल बाद सत्ता में लौटी थी, जबकि शिरोमणि अकाली दल और बीजेपी के गठबंधन ने केवल 18 सीटें जीती थीं. आम आदमी पार्टी 20 सीट जीतकर मुख्य विपक्षी दल बनी थी.

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