पुडुचेरी में गई कांग्रेस की सत्ता, फिर भी बहुमत का दावा क्यों कर रहे हैं नारायणसामी, जानिए

मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी ने अपना इस्तीफा उपराज्यपाल को सौंप दिया. इस दौरान नारायणसामी ने कहा कि हमारे पास निर्वाचित विधायकों में बहुमत है.

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पुडुचेरी विधानसभा में सीएम वी. नारायणसामी पुडुचेरी विधानसभा में सीएम वी. नारायणसामी

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 22 फरवरी 2021,
  • अपडेटेड 2:15 PM IST
  • बहुमत साबित नहीं कर पाई नारायणसामी सरकार
  • सीएम नारायणसामी ने अपने पद से दिया इस्तीफा

पुडुचेरी की सत्ता से वी. नारायणसामी की विदाई हो गई है. दरअसल, विधानसभा में कांग्रेस अपना बहुमत साबित नहीं कर पाई. इसके बाद मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी ने अपना इस्तीफा उपराज्यपाल को सौंप दिया. इस दौरान नारायणसामी ने कहा कि हमारे पास निर्वाचित विधायकों में बहुमत है, लेकिन बीजेपी के तीन मनोनित सदस्यों के कारण बहुमत नहीं साबित कर सके.

इस्तीफा देने के बाद सीएम वी. नारायणसामी ने कहा, 'हमारा विचार था कि केवल निर्वाचित सदस्य ही सदन में मतदान कर सकते हैं, अध्यक्ष द्वारा स्वीकार नहीं किया गया, इसलिए हम विधानसभा से बाहर चले गए और उपराज्यपाल से मिले और अपने मंत्रिमंडल का त्याग पत्र दिया.'

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दरअसल, पिछले दिनों कांग्रेस के पांच और डीएमके एक विधायक ने इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद नारायणसामी सरकार अल्पमत में आ गई थी. उपराज्यपाल ने तुरंत फ्लोर टेस्ट कराने का आदेश दिया था. वर्तमान में विधानसभा में विधायकों की संख्या 26 है, जिसमें से कांग्रेस सरकार के पास सिर्फ 11 विधायक (स्पीकर को लेकर 12) हैं.

जबकि, विपक्ष के पास 14 विधायक हैं. इसमें एआईएनआरसी के 7 विधायक और एआईडीएमके के 3 विधायक शामिल हैं. इसके अलावा तीन विधायक बीजेपी के मनोनित हैं. नारायणसामी ने मांग की थी कि निर्वाचित विधायकों में ही फ्लोर टेस्ट हो, यानी 23 विधायकों में, लेकिन स्पीकर ने इस मांग को खारिज कर दिया.

बहुमत गंवाने के बाद सीएम वी. नारायणसामी, उपराज्यपाल के पास पहुंचे और उन्हें अपना, अपने पूरे मंत्रिमंडल और कांग्रेस-डीएमके के साथ निर्दलीय विधायक का इस्तीफा सौंप दिया. अभी उनका इस्तीफा मंजूर नहीं किया गया है. गौरतलब है कि पुडुचेरी में अप्रैल-मई में चुनाव होने वाला है. ऐसे में वहां राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है.

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2016 के चुनाव की बात करें तो 33 सदस्यीय पुडुचेरी विधानसभा में 30 सीटों के लिए चुनाव हुआ था, जिसमें कांग्रेस 15 सीटों पर जीती थी, जबकि तीन सीटों पर डीएमके और एक पर निर्दलीय जीते थे. इस तरह कांग्रेस ने अपनी सरकार बनाई थी. पिछले साल कांग्रेस के एक विधायक की दल-बदल कानून के तहत सदस्यता खत्म की गई और इस साल पांच ने इस्तीफा दे दिया था.

पुडुचेरी में कांग्रेस की सरकार गिरने पर डीएमके चीफ एमके स्टालिन ने कहा कि राज्य में बीजेपी ने अपनी सत्ता का दुरुपयोग किया है, इसे लोकतंत्र की हत्या कहा जाता है. स्टालिन ने वी. नारायणसामी की बहादुरी की भी सराहना करते हुए कहा कि डीएमके- कांग्रेस गठबंधन इस मुद्दे को पुडुचेरी के लोगों के पास ले जाएगा.

 

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