चेहरे वही, पार्टी नई... भिंड में दलबदलुओं का द्वंद्व, कांग्रेस-बीजेपी-सपा सबके 'अपने हुए पराए'

मध्यप्रदेश में 17 नवंबर को मतदान होना है. एमपी की भिंड विधानसभा सीट पर इस बार भी मुकाबला रोचक हो गया है. यहां बीजेपी, कांग्रेस, सपा और बसपा ने अपने के बजाय दूसरे दलों से आए नेताओं पर भरोसा जताया है.

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संजीव सिंह, राकेश चतुर्वेदी, रविसेन और नरेंद्र सिंह (फाइल फोटो) संजीव सिंह, राकेश चतुर्वेदी, रविसेन और नरेंद्र सिंह (फाइल फोटो)

प्रभंजन भदौरिया

  • नई दिल्ली,
  • 27 अक्टूबर 2023,
  • अपडेटेड 11:51 AM IST

मध्यप्रदेश की भिंड विधानसभा सीट... 2018 चुनाव में उन 7 सीटों में से एक थी, जहां न बीजेपी जीती थी और न कांग्रेस. यहां से बसपा के संजीव सिंह (संजू) ने जीत हासिल की थी. 230 सीटों वाले मध्यप्रदेश में 17 नवंबर को मतदान होना है. नतीजे 3 दिसंबर को आएंगे. पिछली बार की तरह इस बार भी भिंड की लड़ाई रोचक नजर आ रही है. इसकी वजह ये है कि यहां लगभग सभी पार्टियों ने दूसरे दलों से आए नेताओं को टिकट दे दिया है. यानी चुनाव मैदान में लगभग सभी उम्मीदवार पिछली बार वाले ही नजर आएंगे, लेकिन इस बार पार्टियां अलग होंगी. 

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भिंड में दलबदलुओं का द्वंद्व : किसने किसे दिया टिकट?

पार्टी उम्मीदवार कहां से आए?
बीजेपी नरेंद्र सिंह सपा
कांग्रेस राकेश सिंह बीजेपी
सपा रविसेन बीजेपी
बसपा  संजीव सिंह बीजेपी

- बीजेपी ने सपा से आए नरेंद्र सिंह को दिया टिकट

बीजेपी ने इस बार नरेंद्र सिंह कुशवाह को टिकट दिया है. वे 2018 में सपा से उम्मीदवार थे. उन्हें 30474 वोट मिले थे और तीसरे नंबर पर रहे थे. नरेंद्र सिंह पुराने भाजपाई रहे हैं. वे 2003 और 2013 में बीजेपी के टिकट से विधायक चुने गए थे. 2018 में पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया, तो उन्होंने सपा का दामन थाम लिया. माना जाता है कि 2018 में भिंड से बीजेपी के हारने की वजह नरेंद्र सिंह ही थे, उन्होंने बीजेपी के ही वोट काटे थे.

- कांग्रेस ने बीजेपी के हारे उम्मीदवार पर लगाया दांव

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कांग्रेस ने इस बार राकेश सिंह चतुर्वेदी पर दांव लगाया है. राकेश सिंह 2018 में बीजेपी के टिकट से चुनाव लड़े थे और 33,211    वोटों के साथ दूसरे नंबर पर रहे थे. चुनाव हारने के बाद से ही चौधरी राकेश सिंह बीजेपी में साइडलाइन हो गए थे. चुनाव से पहले उन्होंने कांग्रेस में वापसी की. उन्होंने पार्टी ने भिंड से टिकट दिया है. वैसे राकेश सिंह चतुर्वेदी पुराने कांग्रेसी रहे हैं. वे दिग्विजय सिंह सरकार के समय कैबिनेट मंत्री थे. लेकिन 2018 के चुनाव में वे कांग्रेस से बागी हो गए थे और बीजेपी में शामिल हो गए थे. बीजेपी ने तब उनको भिंड से प्रत्याशी बनाया था लेकिन वे बसपा के संजीव कुशवाह से यह चुनाव हार गए थे. 
 
- बसपा विधायक बीजेपी में गए, टिकट न मिलने पर वापसी

भिंड से 2018 में बसपा के टिकट से संजीव सिंह कुशवाह ने जीत हासिल की थी. उन्हें 69,107 वोट मिले थे. लेकिन बाद में वे बीजेपी में शामिल हो गए थे. लेकिन बीजेपी ने संजीव सिंह को टिकट नहीं दिया. इसके बाद संजीव सिंह ने BJP से इस्तीफा देकर बसपा सदस्यता ले ली. संजीव सिंह ने बीजेपी पर वादाखिलाफी का आरोप भी लगाया है. संजीव सिंह के लौटते ही बसपा ने अपना टिकट बदल दिया और फिर से संजीव सिंह को बसपा का प्रत्याशी बना दिया. 

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- सपा ने बीजेपी से आए रविसेन जैन को दिया टिकट

सपा ने बीजेपी से आए रविसेन जैन को उम्मीदवार बनाया है. रविसेन जैन बीजेपी से उम्मीदवारी ठोक रहे थे. लेकिन पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया, तो वे बीजेपी में शामिल हो गए. 

2018 में कैसे थे नतीजे?

पार्टी उम्मीदवार     वोट मिले
बसपा संजीव सिंह 69,107
बीजेपी राकेश सिंह 33,211
सपा नरेंद्र सिंह कुशवाह 30474 
कांग्रेस रमेश दुबे 8,297
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