पश्चिम बंगाल के दो सांसद - अर्जुन सिंह और दिब्येंदु अधिकारी शुक्रवार को यहां भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गये. दोनों नेताओं ने कहा कि वे संदेशखाली की घटनाओं से परेशान हैं. अर्जुन सिंह बीजेपी के टिकट पर 2019 का लोकसभा चुनाव बैरकपुर से जीते थे और 2022 में टीएमसी में शामिल हुए थे, लेकिन उनकी संसद सदस्यता बरकरार रही थी. वहीं दिब्येंदु अधिकारी तमलुक निर्वाचन क्षेत्र से सांसद हैं और उन्होंने 2019 में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के टिकट पर जीत हासिल की थी.
दोनों ही नेताओं ने बीजेपी मुख्यालय में राष्ट्रीय महासचिव दुष्यंत गौतम और पश्चिम बंगाल के सह-प्रभारी अमित मालवीय की उपस्थिति में बीजेपी की सदस्यता ली. दिब्येंदु अधिकारी ने 2019 में तमलुक से जीत हासिल की और दिसंबर 2020 में उनके भाई सुवेंदु अधिकारी भाजपा में शामिल हो गए. दोनों ही नेताओं का नाम टीएमसी के लोकसभा उम्मीदवारों की सूची में नहीं था.
लिस्ट में अपना नाम नहीं होने के बाद अर्जुन सिंह ने तुरंत ऐलान कर दिया था कि वह टीएमसी छोड़ देंगे. उन्होंने 2019 में चुनाव के बाद हुई हिंसा का जिक्र करते हुए कहा कि जिस तरह से पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद राजनीतिक हिंसा हुई थी, हमारा क्षेत्र सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ था.
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अर्जुन सिंह का टीएमसी पर हमला
टीएमसी पर परोक्ष हमला बोलते हुए उन्होंने कहा, 'कार्यकर्ताओं को बचाने के लिए मुझे कुछ दिनों के लिए पार्टी (बीजेपी) से दूरी बनानी पड़ी. टीएमसी पुलिस का इस्तेमाल करके (पश्चिम बंगाल में) सत्ता में बने रहना चाहती है. गुंडे और संदेशखाली इसका ताजा उदाहरण है. पूरे सीमा क्षेत्र (बांग्लादेश के साथ) में लोग संदेशखाली जैसी ही स्थिति में रह रहे हैं.'
सुंदरबन के किनारे स्थित पश्चिम बंगाल का संदेशखाली क्षेत्र टीएमसी नेता शाहजहां शेख और उसके सहयोगियों पर यौन शोषण और जमीन हड़पने के आरोपों के कारण एक महीने से अधिक समय से सुर्खियों में बना हुआ है. अर्जुन सिंह ने कहा,'मैं बीजेपी परिवार को धन्यवाद देता हूं. मैं कुछ समय के लिए भाजपा से दूर था, संदेशखाली घटना के बाद मैं उत्तेजित हो गया और मैंने उससे संपर्क किया और कहा कि मैं चुपचाप नहीं बैठ सकता और फिर से भाजपा में शामिल होना चाहता हूं.'
दिब्येंदु अधिकारी ने किया संदेशखाली का जिक्र
दिब्येंदु अधिकारी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी के अन्य नेताओं को धन्यवाद दिया और कहा कि वह एक भाजपा कार्यकर्ता के रूप में जमीन पर काम करेंगे. उन्होंने कहा, 'नरेंद्र मोदी के आदर्शों का पालन करते हुए, मैं भाजपा में शामिल हो रहा हूं. एक पार्टी कार्यकर्ता के रूप में, मैं यह सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास करूंगा कि भाजपा को लोकसभा में 400 से अधिक सीटें मिलें."
संदेशखाली घटना का जिक्र करते हुए अधिकारी ने कहा, "हम दुर्गा की पूजा करते हैं, संदेशखाली में महिलाओं के खिलाफ जो हुआ है, उसकी निंदा के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं. यह सिर्फ बंगाल का मुद्दा नहीं है, यह एक राष्ट्रीय मुद्दा है.भाजपा को छोड़कर कोई भी राजनीतिक दल वहां (क्षेत्र) नहीं पहुंच सका...''
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बीजेपी ने किया स्वागत
उनके शामिल होने के बाद भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव गौतम ने कहा कि भाजपा का ग्राफ बढ़ रहा है. उन्होंने कहा, 'पूरे देश में हर स्तर पर कई पार्टियों के सदस्य भाजपा में शामिल हो रहे हैं.' वहीं अमित मालवीय ने कहा, 'यह स्पष्ट है कि पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नेतृत्व प्रदान करने में विफल रही हैं. जिस तरह से संदेशखाली खबरों में है, जिस तरह से महिलाओं को निशाना बनाया गया, दोनों सांसद भाजपा में शामिल हो गए हैं क्योंकि वे घटनाओं से आहत हैं.'
उन्होंने कहा, 'बंगाल में जिस तरह का भ्रष्टाचार दिख रहा है, सीएम और उनके करीबी सहयोगी भ्रष्टाचार में लिप्त हैं. कई मंत्री जेल में हैं, ममता बनर्जी के रिश्तेदार विभिन्न मामलों में जांच के दायरे में हैं... पश्चिम बंगाल में जो अराजकता है, वह कहीं और नहीं देखी गई है. पूर्वी बंगाल बदलाव चाहता है, इसलिए राज्य के कई नेता भाजपा में शामिल होना चाहते हैं.'
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