कांग्रेस ने शुक्रवार को लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की अपनी तीसरी सूची जारी की. इसमें 57 प्रत्याशियों के नाम हैं. सूची में अरुणाचल प्रदेश के लिए भी दो उम्मीदवारों का ऐलान किया गया है. अरुणाचल प्रदेश में लोकसभा की दो सीटें हैं. अरुणाचल पश्चिम और अरुणाचल पूर्व और दोनों ही सीटों पर फिलहाल बीजेपी का कब्जा है. एक नजर अरुणाचल प्रदेश के कांग्रेस उम्मीदवारों पर :
अरुणाचल पश्चिम संसदीय सीट
नबाम तुकी
नबाम तुकी अरुणाचल के वर्तमान कांग्रेस अध्यक्ष और अरुणाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हैं, जो पापुम पारे जिले के सागली की विधानसभा सीट से 6 बार चुने जा चुके हैं, जो अरुणाचल का एक ईसाई बहुल निर्वाचन क्षेत्र है. नबाम तुकी ने 1994 में सागली से विधायक के रूप में जीत हासिल की थी और उसके बाद से 30 वर्षों तक उन्होंने छह बार विधायक के रूप में काम किया. वह नवंबर 2011 से नवंबर 2015 तक पीडब्ल्यूडी मंत्री और मुख्यमंत्री रहे, जिसके बाद राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया.
2014 में उन्होंने राज्य में कांग्रेस पार्टी को जीत दिलाने के लिए एक साथ चुनाव कराने की खातिर इलेक्शन से पहले विधानसभा भंग कर दी थी. 2021 में सीबीआई ने कथित भाई-भतीजावाद और भ्रष्टाचार के लिए नबाम तुकी पर भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया. उनके भाई नबाम रेबिया ने कांग्रेस पार्टी से सांसद राज्यसभा और विधायक दोईमुख के रूप में कार्य किया और अब वर्तमान में वह राज्यसभा सांसद के रूप में भाजपा में हैं.
अरुणाचल पूर्व संसदीय सीट
बोसीराम सिरम
बोसीराम सिरम ने अरुणाचल प्रदेश की पिछली कांग्रेस सरकार में शिक्षा मंत्री के रूप में कार्य किया था. 2014 में अरुणाचल की एक विशेष अदालत ने पूर्व मंत्री बोसीराम सिरम की ओर से अरुणाचल में जिला अदालत भवन की मरम्मत और रखरखाव के लिए दिए गए धन के कथित दुरुपयोग की विशेष जांच सेल द्वारा जांच का आदेश दिया. पूर्वी सियांग जिले में विशेष न्यायाधीश की अदालत की ओर से अरुणाचल के पूर्वी और ऊपरी सियांग जिला बार एसोसिएशन की एक याचिका पर जांच का आदेश दिया गया.
सिरम पर जिला अदालत भवन की मरम्मत और रखरखाव के लिए दिए गए धन की हेराफेरी में शामिल होने का आरोप लगाया गया था. बोसीराम सिरम ने 2009 में 38वीं पासीघाट पूर्व से विधायक के रूप में जीत हासिल की और 2009 से 2014 तक राज्य के शिक्षा मंत्री के रूप में कार्य किया और 2014 में चुनाव हार गए. अरुणाचल का आदि समुदाय पासीघाट में रहता है और बहुसंख्यक है. यहां अधिकांश नागरिक ईसाई धर्म को मानने वाले हैं.
(इनपुट : युवराज मेहता)
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