पीलीभीत से क्यों कटा बेटे वरुण गांधी का टिकट? मेनका गांधी ने दिया ये जवाब

मेनका गांधी से जब वरुण गांधी को टिकट न दिए जाने को लेकर कारण पूछा गया तो उन्होंने अपने जवाब में ऐसे संकेत दिए कि सरकार की आलोचना वाले लेख वरुण गांधी के टिकट कटने का कारण हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि दूसरा कोई कारण नजर नहीं आता. उन्होंने कहा कि वह इसके बिना भी बहुत अच्छा प्रदर्शन करेंगे.

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aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 11 मई 2024,
  • अपडेटेड 5:45 PM IST

पूर्व मंत्री व सुल्तानपुर लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी मेनका गांधी ने अपने बेटे वरुण गांधी को टिकट ने मिलने को लेकर बात की. उन्होंने कहा कि वह इसके बिना भी अच्छा कर रहे हैं. मुझे उनके भविष्य की चिंता नहीं है. सुल्तानपुर में वरुण के प्रचार न करने पर उन्होंने कहा कि हमने अभी इस पर निर्णय नहीं लिया है. मेनका गांधी ने पीटीआई से बातचीत में कहा कि भाजपा इस बार भी बड़ी जीत दर्ज करेगी और केंद्र में सरकार बनाएगी. बता दें कि उत्तर प्रदेश की सुल्तानपुर सीट पर छठे चरण में 25 मई को मतदान होना है, जबकि पीलीभीत सीट पर पहले ही चरण में 19 अप्रैल को वोटिंग हो चुकी है. 

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मेनका गांधी से जब वरुण गांधी को टिकट न दिए जाने को लेकर कारण पूछा गया तो उन्होंने अपने जवाब में ऐसे संकेत दिए कि सरकार की कुछ नीतियों की आपत्ति वाले लेख वरुण गांधी के टिकट कटने का कारण हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि दूसरा कोई कारण नजर नहीं आता. उन्होंने कहा कि वह इसके बिना भी बहुत अच्छा प्रदर्शन करेंगे. अपने आवास पर पीटीआई के साथ एक विशेष इंटरव्यू में पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा की सुल्तानपुर से उम्मीदवार मेनका गांधी ने यह भी कहा कि वरुण गांधी सुल्तानपुर में आकर प्रचार करें, अभी इस पर कोई फैसला नहीं लिया गया है. 

वरुण गांधी को टिकट नहीं दिए जाने और एक मां के रूप में उन्हें बुरा लगने पर मेनका गांधी ने कहा, 'मैं यह नहीं कह सकती कि मुझे खुशी हुई, लेकिन मुझे यकीन है कि वरुण बिना टिकट के भी बहुत अच्छा प्रदर्शन करेंगे.' यह पूछे जाने पर कि पीलीभीत से उन्हें इस बार भी उम्मीदवार बनाया जाना चाहिए था, मेनका गांधी ने कहा कि, 'हां, ऐसा होना चाहिए था लेकिन पार्टी ने फैसला ले लिया है बस इतनी सी बात है.'

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यह पूछे जाने पर कि क्या भविष्य में वरुण गांधी पहले की तरह सुल्तानपुर का रुख कर सकते हैं या अब पीलीभीत ही उनकी कर्मभूमि है, इस पर मेनका गांधी ने कहा,  ''निश्चित रूप से, पीलीभीत और भारत उनकी कर्मभूमि है, उन्हें सभी जगह काम करने दीजिए."

मेनका गांधी ने विरासत कर का मुद्दा उठाने के लिए कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा, "इसे उठाना उनके लिए अनुचित था. अमेरिका में बैठकर, आप वास्तव में अपनी पार्टी के एक जिम्मेदार सदस्य होने पर चुप नहीं रह सकते. व्यक्तिगत रूप से, मैं पूरी तरह से विरासत कर के खिलाफ हूं. संपत्ति बांटने के मुद्दे पर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के दावों के बारे में पूछे जाने पर भाजपा नेता ने कहा, उन्होंने सिर्फ सैम पित्रोदा की कही हुई बात पर प्रतिक्रिया दी थी.' 

भाजपा ने वरुण गांधी की जगह उत्तर प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री जितिन प्रसाद को पीलीभीत से मैदान में उतारा है. पीलीभीत लोकसभा सीट से टिकट नहीं मिलने पर बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों को एक भावनात्मक पत्र भी लिखा था जिसमें उन्होंने कहा था कि उनके साथ उनका रिश्ता आखिरी सांस तक बरकरार रहेगा. 1996 से ही पीलीभीत सीट मेनका गांधी या उनके बेटे के पास रही है. मेनका गांधी ने 1989 में जनता दल के टिकट पर सीट जीती, 1991 में हार गईं और 1996 में फिर से जीत गईं. उन्होंने 1998 और 1999 में एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में निर्वाचन क्षेत्र से जीत हासिल की. उन्होंने 2004 और 2014 में भाजपा उम्मीदवार के रूप में सीट जीती. वरुण गांधी ने 2009 और 2019 में भाजपा उम्मीदवार के रूप में सीट जीती थी.

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