ममता बनर्जी बोलीं- चुनाव के लिए मोदी 'चायवाला' बनते हैं, बाद में 'राफेलवाला'

लोकसभा चुनाव से पहले जुबानी हमलों का दौर शुरू हो गया है. जलपाईगुड़ी में पीएम मोदी के रैली करने के कुछ देर बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने पीएम मोदी पर जमकर हमला बोला है.

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ममता बनर्जी(फोटो-Reuters) ममता बनर्जी(फोटो-Reuters)

इंद्रजीत कुंडू

  • कोलकाता,
  • 08 फरवरी 2019,
  • अपडेटेड 6:32 PM IST

लोकसभा चुनाव से पहले जुबानी हमलों का दौर शुरू हो गया है. जलपाईगुड़ी में पीएम मोदी के रैली करने के कुछ देर बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने पीएम मोदी पर जमकर हमला बोला. ममता ने पीएम मोदी के चायवाले बयान पर हमला करते हुए कहा कि वे चुनाव के लिए 'चायवाला' बनते हैं और बाद में 'राफेलवाला' बन जाते हैं.

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आपको बता दें कि पीएम मोदी ने आज जलपाईगुड़ी में कई परियोजनाओं की आधारशिला रखने के बाद एक रैली को संबोधित किया. पीएम मोदी ने कहा कि यहां से मेरा पुराना संबंध है. आप चाय उगाने वाले है और मैं चाय बनाने वाला, लेकिन चायवालों से दीदी को इतनी चिढ़ क्यों है.

ममता ने आगे कहा कि पीएम मोदी ने चाय बगान के कर्मचारियों की पेंशन को लेकर झूठ बोला है. उन्होंने आधी सच्चाई बताई है. मुझे यह कहते हुए शर्म आ रही है कि वे चुनाव से पहले चायवाला और चुनाव के बाद राफेलवाला बन जाते हैं. 

सीबीआई विवाद को लेकर भी ममता बनर्जी ने पीएम मोदी पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि आरबीआई से सीबीआई तक, हर कोई उनको बाय-बाय क्यों कर रहा है. ममता ने कहा कि वे भारत को नहीं जानते. वे यहां गोधरा और अन्य विवादों के बाद पहुंचे. वे नोटबंदी और भ्रष्टाचार के मास्टर है.

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ममता बनर्जी से जब पूछा गया कि आपने कहा कि मोदी बाबू झूठ बोल रहे हैं तो इसपर उन्होंने कहा कि मैं उनको मोदी बाबू नहीं बोली, मैंने उनको मैड-डी बाबू कहा.उन्होंने कहा कि हम(गठबंधन) साथ में काम रहे हैं इस वजह से पीएम मोदी डरे हुए हैं. मैं कभी नहीं डरी. मैं अपने तरीके से लड़ी हूं. मैंने हमेशा मां-माटी-मानूष की इज्जत की. ये दुर्भाग्य है कि पैसे की ताकत से वे प्रधानमंत्री बन गए.  

इससे पहले जलपाईगुड़ी में रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने ममता सरकार पर जोरदार हमला बोला. पीएम मोदी ने कहा कि टीएमसी सरकार की तमाम योजनाओं के नाम पर बिचौलियों का अधिकार है. दीदी, दिल्ली जाने के लिए परेशान हैं और बंगाल के गरीब और मध्यम वर्ग को सिंडिकेट के गठबंधन से लुटने के लिए छोड़ दिया है. आज स्थिति ये है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री तो दीदी हैं, लेकिन दादागिरी किसी और की चल रही है, शासन टीएमसी के ‘जगाई-मधाई’ चला रहे हैं.

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