उत्तर प्रदेश के इन 10 विधायकों की संसद पर निगाहें, जीते तो होंगे उपचुनाव

लोकसभा चुनाव 2019 के लिए सभी राजनेता एड़ी चोटी का जोर लगाकर अपनी किस्मत आजमाना चाह रहे हैं. राजनीतिक किताबों में सबसे अहम माने जाने वाला प्रदेश, उत्तर प्रदेश के नेता भी इस चुनावी त्योहार जा जान से लगे हैं. उत्तर प्रदेश के कई विधायक भी 2019 के आम चुनावों में सांसद बनने के लिये दांव खेल रहे है.

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स्वयं प्रकाश निरंजन

  • नई दिल्ली,
  • 14 अप्रैल 2019,
  • अपडेटेड 6:51 PM IST

लोकसभा चुनाव 2019 के लिए सभी राजनेता एड़ी-चोटी का जोर लगाकर अपनी किस्मत आजमाना चाह रहे हैं. राजनीतिक किताबों में सबसे अहम माने जाने वाले प्रदेश, उत्तर प्रदेश के नेता भी चुनाव में ताल ठोक रहे हैं. उत्तर प्रदेश के कई विधायक भी 2019 के आम चुनावों में सांसद बनने के लिये दांव खेल रहे हैं.

बता दें कि इस बार उत्तर प्रदेश सरकार के तीन मंत्री और अलग-अलग राजनीतिक दलों के सात विधायक चुनाव लड़ रहे हैं. इन विधायक दावेदारों की अगर किस्मत खुली और संसद पहुंचे तो लोकसभा चुनाव के बाद प्रदेश में विधानसभा उपचुनाव का सिलसिला शुरू होगा, क्योंकि मंत्रियों के चुनाव जीतने के बाद मंत्रिमंडल में भी फेरबदल होगा.

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इन विधायकों की है लोकसभा के लिए लड़ाई

समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव के भाई शिवपाल यादव जसवंत नगर से कई बार विधायक रहे हैं. वह 2017 में भी समाजवादी पार्टी के टिकट पर जसवंत नगर से जीते थे. पिछले साल शिवपाल ने सपा से अलग होकर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी बना ली और वह फिरोजाबाद से लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं. शिवपाल के भतीजे और सपा महासचिव रामगोपाल यादव के बेटे फिरोजाबाद के वर्तमान सांसद अक्षय यादव से उनका सीधा मुकाबला होगा, लिहाजा शिवपाल अगर फिरोजाबाद से चुनाव जीते तो जसवंत नगर में उपचुनाव होना लाज़मी है.

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कैराना लोकसभा सीट पर महागठबंधन के फॉर्मूले को फेलकर इस सीट पर वापस कब्जा जमाने के लिए बीजेपी ने विधायक प्रदीप चौधरी पर भरोसा जताया है. सहारनपुर की गंगोह विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक प्रदीप चौधरी को कैराना से प्रत्याशी बनाया है. यहां उनका मुकाबला गठबंधन प्रत्याशी और वर्तमान सांसद तबस्सुम हसन से होगा.

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बांदा लोकसभा क्षेत्र से बीजेपी के मौजूदा सांसद भैरों प्रसाद मिश्र का टिकट छीन कर पार्टी ने माणिकपुर विधायक आरके सिंह पटेल को प्रत्याशी बनाया है. आरके सिंह पटेल 2009 में समाजवादी पार्टी से  भी सांसद रह चुके हैं. हाथरस से भी वर्तमान सांसद राजेश कुमार दिवाकर का टिकट काटकर बीजेपी ने इगलास के विधायक राजवीर सिंह दिलेर को प्रत्याशी बनाया है. राजवीर सिंह दिलेर पिछले विधानसभा चुनाव में पहली बार इगलास से विधायक चुने गये थे.

रामपुर विधानसभा सीट से कई बार के विधायक आजम खां को समाजवादी पार्टी ने रामपुर लोकसभा सीट से उतारा है, तो उधर बीजेपी ने बाराबंकी से अपनी वर्तमान सांसद प्रियंका रावत का टिकट काटकर जैदपुर विधायक उपेंद्र रावत को प्रत्याशी बनाया है. खास बात यह कि उपेंद्र रावत 2017 में पहली बार विधायक बने थे.

बीजेपी ने बल्हा सीट से विधायक अक्षयवरलाल गौड़ को भी बहराइच से प्रत्याशी बनाया है. यहां से पिछली बार भाजपा के टिकट पर सावित्री बाई फुले चुनाव जीती थीं, लेकिन इस बार वह कांग्रेस की प्रत्याशी हैं. टूंडला के विधायक और प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल को भाजपा ने आगरा की संसदीय सीट से उतारा है.

लखनऊ कैंट सीट की विधायक और प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री रीता बहुगुणा जोशी को भाजपा ने इलाहाबाद सीट से लोकसभा चुनाव के मैदान में उतारा है. वह लखनऊ कैंट से 2012 का विधानसभा चुनाव कांग्रेस के टिकट पर जीती थीं, लेकिन फिर भाजपा में शामिल हो गईं और पिछले विधानसभा चुनाव में जीत के बाद मंत्री बनाई गईं.

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कानपुर की गोविंदनगर विधानसभा सीट से विधायक सत्यदेव पचौरी प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं और भाजपा के टिकट पर कानपुर सीट से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे. हालांकि सत्यदेव कानपुर से एक बार लोकसभा चुनाव हार भी चुके हैं.

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