वाराणसीः नामांकन के एक दिन पहले तय हुआ था तेज बहादुर होंगे गठबंधन के उम्मीदवार

वाराणसी लोकसभा सीट पर चुनाव रोचक हो गया है. नामांकन के एक दिन पहले पूर्व बीएसएफ जवान तेज बहादुर यादव को गठबंधन ने अपना उम्मीदवार बनाकर सियासी हवा का रूख मोड़ दिया है. पूर्व बीएसएफ जवान ने कहा कि रविवार को ही तय हुआ था कि वे गठबंधन के उम्मीदवार होंगे.

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तेज बहादुर यादव तेज बहादुर यादव

टीके श्रीवास्तव

  • नई दिल्ली ,
  • 29 अप्रैल 2019,
  • अपडेटेड 10:04 PM IST

देश की सबसे हाई प्रोफाइल वाराणसी लोकसभा सीट पर चुनाव रोचक हो गया है. पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में महागठबंधन ने अपने प्रत्याशी को बदलकर यहां की सियासत गरमा दी है. नामांकन से एक दिन पहले सपा उम्मीदवार शालिनी यादव की जगह निर्दलीय तेज बहादुर यादव को महागठबंधन का उम्मीदवार बनाने की फैसला हो गया था.  aajtak.in से खास बातचीत में ये खुलासा तेज बहादुर यादव ने किया.

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रविवार को सपा अध्यक्ष ने फोन पर दिया प्रस्ताव

पूर्व बीएसएफ जवान तेज बहादुर यादव ने कहा कि आम आदमी पार्टी उन्हें पहले से सपोर्ट कर रही है. चुनाव लड़ने के फैसले के बाद से वह राज्यसभा सांसद संजय सिंह के संपर्क में थे. तेज बहादुर ने बताया कि रविवार सुबह सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मुझे फोन पर गठबंधन उम्मीदवार घोषित करने की बात कही थी. अखिलेश यादव के इस प्रस्ताव को मैंने तुरंत स्वीकार कर लिया. पूर्व सीएम द्वारा तेज बहादुर यादव को प्रत्याशी बनाए जाने पर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर उन्हें बधाई दी.

नामांकन से पहले शालिनी यादव थीं उम्मीदवार

बता दें कि तेज बहादुर यादव पहले प्रधानमंत्री के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ रहे थे, लेकिन सोमवार को तेज बहादुर यादव ने समाजवादी पार्टी के टिकट पर अपना नामांकन दाखिल किया. वह गठबंधन के उम्मीदवार हैं. इससे पहले गठबंधन ने वाराणसी सीट से शालिनी यादव को उम्मीदवार बनाया था. अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ वाराणसी में सपा-बसपा-आप की तरफ से बीएसएफ के पूर्व जवान तेज बहादुर यादव, कांग्रेस की ओर से अजय राय, पूर्व जस्टिस एस. कर्णन, तमिलनाडु के कई किसान चुनाव लड़ रहे हैं.

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26 अप्रैल को पीएम मोदी ने किया था नामांकन

26 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी से अपना नामांकन किया था. यहां उन्होंने मेगा रोड शो करके अपनी ताकत का अहसास कराया था. उनके नामांकन के दौरान एनडीए के कई दिग्गज भी साथ रहे थे, जिसमें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, अकाली दल के नेता प्रकाश सिंह बादल, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे समेत कई अन्य नेता भी शामिल रहे थे.

कौन हैं तेज बहादुर यादव

2017 में बीएसएफ जवान तेज बहादुर यादव ने एक वीडियो जारी किया था, जिसमें उन्होंने जवानों को मिलने वाले भोजन की क्वालिटी को लेकर शिकायत की थी. इसके बाद वह चर्चा में आ गए थे. हालांकि उस विवाद के बाद उन्हें बर्खास्त कर दिया गया था. तभी से वह केंद्र सरकार के खिलाफ आवाज उठाते रहे हैं.

बीते दिनों ही तेज बहादुर यादव ने ऐलान किया था कि वह भ्रष्टाचार के मुद्दे पर चुनाव लड़ रहे हैं. उन्होंने तब कहा था कि मैंने भ्रष्टाचार का मामला उठाया, लेकिन मुझे बर्खास्त कर दिया गया. मेरा पहला उद्देश्य सुरक्षा बलों को मजबूत करना और भ्रष्टाचार खत्म करना होगा. 

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