सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को पश्चिम बंगाल के बैरकपुर लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के उम्मीदवार अर्जुन सिंह की जमानत याचिका पर सुनवाई करने की मंजूरी दे दी. अर्जुन सिंह पर कई आपराधिक मामले दर्ज हैं. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने बंगाल में चुनावी हिंसा पर चिंता जताई और कहा कि हिंसा फैलाने वाले किसी पार्टी के नहीं होते.
बंगाल सरकार की ओर से पेश वकील ने अर्जुन सिंह की जमानत याचिका पर सुनवाई के फैसले का विरोध किया और कहा कि बीजेपी उम्मीदवार चुनाव में हिंसा फैलाने में शामिल रहे हैं. वकील ने दावा किया कि हिंसा फैलाने के सीसीटीवी फुटेज उनके पास उपलब्ध हैं. उधर अर्जुन सिंह ने याचिका में दावा किया कि बंगाल पुलिस की ओर से उनपर लगाए गए मामले पूरी तरह राजनीति से प्रेरित हैं. सिंह के वकील ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उन्हें जानबूझ कर काउंटिंग के दिन यानी गुरुवार को हाजिर होने से रोका जा रहा है.
इसके साथ ही कोर्ट ने अर्जुन सिंह को 22 मई से 28 मई तक गिरफ्तारी से छूट या संरक्षण देने का आदेश दिया. बंगाल में वकीलों की 25 अप्रैल से जारी हड़ताल की वजह से कोर्ट में अर्जुन सिंह के खिलाफ 11 मुकदमों की सुनवाई नहीं हो रही है. हालांकि कुछ मुकदमों में बेल मिली है. इससे पहले सिंह ने सुप्रीम कोर्ट से एक हफ्ते का संरक्षण मांगा था.
गौरतलब है कि तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार और पूर्व रेलमंत्री दिनेश त्रिवेदी को बीजेपी उम्मीदवार अर्जुन सिंह से कड़ी चुनौती मिल रही है. क्षेत्र में 35-40 फीसदी मतदाता ऐसे हैं जो बंगाली नहीं हैं. ऐसे में आक्रामक और धुआंधार प्रचार कर रहे बीजेपी उम्मीदवार अर्जुन सिंह एक अच्छे विकल्प के रूप में सामने आ रहे हैं. हालांकि अनुभवी नेता त्रिवेदी भाटपारा से तृणमूल के पुराने विधायक सिंह को तवज्जो नहीं देते, जो बाद में बीजेपी में शामिल हो गए.
बैरकपुर में पांचवें चरण के मतदान के दौरान हिसा की खबरें आई थीं. बीजेपी उम्मीदवारों पर हमले, ईवीएम तोड़ने, बम फेंकने और कई जगहों से बड़े पैमाने पर डराने-धमकाने की रिपोर्ट्स मिली थीं. तृणमूल कांग्रेस ने अर्जुन सिंह पर हिंसा फैलाने के आरोप लगाए और उन पर मुकदमे भी दर्ज कराए हैं. अर्जुन सिंह जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट गए हैं, जहां कोर्ट ने उनकी याचिका पर सुनवाई के लिए हां कर दी है.
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aajtak.in / संजय शर्मा