मोदी रथ को रोकने के लिए तमाम विपक्षी दल एक मंच पर तो जुट रहे हैं, लेकिन विपक्ष का नेता कौन हो इसका जवाब किसी के पास नहीं है. यहां तक कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के भी लखनऊ से कोलकाता आते ही बोल बदल गए. बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन के बाद अखिलेश ने कहा था कि मैं चाहता हूं कि देश का अगला प्रधानमंत्री उत्तर प्रदेश से हो. अब कोलकाता में ममता बनर्जी की मेगा रैली में अखिलेश ने कहा कि प्रधानमंत्री वह होगा, जिसे जनता चुनेगी.
मेगा रैली को संबोधित करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि मोदी सरकार से आपके और हमारे अधिकारों को खतरा है. जो बात बंगाल से चलेगी, वह बात देश में दिखाई देगी. अभी भी नया साल आया है, तारीख बदली तो हम बहुत खुश हैं. सोचो अगर देश में नया प्रधानमंत्री आ जाएगा तो हम और आप कितने खुश होंगे. उन्होंने कहा कि बीजेपी के लोग कहते हैं कि हमारे पास दुल्हे बहुत ज्यादा हैं, लेकिन हम कहते हैं कि जिसे जनता चुनेगी वह प्रधानमंत्री बनेगा. देश को नया प्रधानमंत्री मिलेगा.
हमने किया जनता से गठबंधन
बीजेपी से सवाल पूछते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री पद के लिए आपके पास दूसरा नाम कौन सा है. पहले नाम ने देश को निराश कर दिया है. उन्होंने कहा कि अभी यह तो कम दलों का गठबंधन है. हमने तो आपसे सीखा है. जैसे आपने गठबंधन करके सरकार बनाई, वैसे ही हमने सबकों एक मंच पर लाने का काम किया. आपके पास 40 गठबंधन है. जैसे-जैसे चुनाव आ रहा है आप और लोगों के साथ गठबंधन कर रहे हो. सीबीआई से, ईडी से, लेकिन हम सबने मिलकर जनता से गठबंधन कर लिया है.
गठबंधन से बीजेपी के नेता डर गए हैं
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि हमारे गठबंधन के बाद बीजेपी के नेता बैठक के बाद बैठक कर रहे हैं. बीजेपी के लोग सोच रहे हैं कि आखिरकार अब उत्तर प्रदेश में एक सीट कैसे जीती जाए. हमारी और आपकी जिम्मेदारी है कि बंगाल, बिहार, झारखंड में भी बीजेपी का खाता न खुले. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने समाज में जहर घोलने का काम किया. बीजेपी के लोग काम के नाम पर वोट नहीं मांगते, वह न जाने क्या साजिश और षड्यंत्र करेंगे.बीजेपी ने पूछा, गठबंधन का नेता कौन
जब भी सरकार के खिलाफ विपक्षी गठबंधन तैयार होता है तो नेता का मुद्दा छाया रहता है. पहले भी गठबंधन बना और पहले भी यही मसला उठा, लेकिन चुनाव के पहले शायद ही कभी ऐसा हुआ कि पूरा विपक्ष किसी को नेता मानकर चुनाव में उतरे. शायद इस बार भी ऐसा ही हो, लेकिन इसकी भी क्या गारंटी है कि प्रधानमंत्री के उम्मीदवार के सवाल पर चुनाव बाद उठा-पटक न हो. बीजेपी नेता राजीव प्रताप रुडी ने पूछा कि आखिर विपक्ष का नेता कौन है.
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