चिदंबरम को उम्मीद- लोकसभा चुनाव से पहले UP में फिर से गठबंधन पर होगा विचार

Congress leader Chidambaram says rethinking possible before Lok Sabha polls कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम को उम्मीद है कि लोकसभा चुनाव से पहले यूपी में फिर से गठबंधन होगा, जिसमें कांग्रेस को भी जगह मिल सकती है. सपा-बसपा गठबंधन पर बातचीत के दौरान कांग्रेस नेता चिदंबरम ने कहा कि शायद यह फाइनल गठबंधन नहीं है. लोकसभा चुनाव से पहले इस पर पुनर्विचार हो सकता है. सही मायने में उत्तर प्रदेश में व्यापक आधार वाला गठबंधन बनाया जाएगा.

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Congress leader P Chidambaram (File Photo Source- aajtak.in ) Congress leader P Chidambaram (File Photo Source- aajtak.in )

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  • नई दिल्ली,
  • 13 जनवरी 2019,
  • अपडेटेड 7:51 AM IST

उत्तर प्रदेश में शनिवार को समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) और बहुजन समाज पार्टी (Bahujan Samaj Party) के बीच भले ही गठबंधन और सीटों का बंटवारा हो गया हो, लेकिन कांग्रेस को लगता है कि इस गठबंधन पर दोबारा से विचार होगा और उनको भी जगह दी जाएगी. आपको बता दें कि शनिवार को समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो ने गठबंधन का ऐलान किया, लेकिन इससे कांग्रेस को बाहर रखा गया है.

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शनिवार को उत्तर प्रदेश में हुए गठबंधन से बाहर होने के बावजूद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को उम्मीद है कि लोकसभा चुनाव से पहले यूपी में फिर से गठबंधन होगा, जिसमें कांग्रेस को भी जगह मिल सकती है. सपा-बसपा गठबंधन पर बातचीत के दौरान कांग्रेस नेता चिदंबरम ने कहा कि शायद यह फाइनल गठबंधन नहीं है. लोकसभा चुनाव से पहले इस पर पुनर्विचार हो सकता है. सही मायने में उत्तर प्रदेश में व्यापक आधार वाला गठबंधन बनाया जाएगा. इसके बाद भी अगर जरूरत पड़ी, तो कांग्रेस अपने दम पर चुनाव मैदान में उतरेगी.

वहीं, दुबई में मीडिया से बातचीत के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) और बहुजन समाज पार्टी (Bahujan Samaj Party) के पास गठबंधन करने का पूरा अधिकार है. अखिलेश यादव और मायावती को अपनी इच्छानुसार फैसले लेने का भी पूरा हक है. जहां तक हमारा सवाल है, तो कांग्रेस पार्टी अपने उसूलों पर चुनाव लड़ेगी और सबको चौंका देगी. हालांकि हमारे दिल में मुलायम सिंह यादव, मायावती और अखिलेश यादव के प्रति अपार सम्मान है.

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वर्तमान हालात को देखते हुए साफ संकेत मिलते हैं कि लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस उत्तर प्रदेश में गठबंधन करने की कोशिश करेगी, लेकिन अगर वह इसमें सफल नहीं हुई, तो 'एकला चलो' की रणनीति पर आगे बढ़ेगी. आपको बता दें कि शनिवार को लखनऊ में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने उत्तर प्रदेश में गठबंधन का ऐलान किया था. संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में अखिलेश यादव और मायावती ने कहा कि दोनों पार्टियों के बीच सूबे की 80 लोकसभा सीटों में से 38-38 सीटों पर उम्मीदवार उतारने की सहमति बनी है, जबकि अमेठी और रायबरेली समेत 4 लोकसभा सीटों को छोड़ा गया है. बताया जा रहा है कि सूबे की 2 लोकसभा सीटें पूर्व केंद्रीय मंत्री अजीत सिंह की पार्टी राष्ट्रीय लोक दल (Rashtriya Lok Dal) के लिए छोड़ी गई हैं.

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