साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के चुनावी रण में उतरते ही मध्य प्रदेश की भोपाल सीट पर चुनावी लड़ाई रोचक हो गई है. उनका मुकाबला कांग्रेस के चाणक्य यानी दिग्विजय सिंह से है. बुधवार को बीजेपी का दामन थामने के बाद साध्वी प्रज्ञा ने उज्जैन जाकर महाकाल मंदिर में मनोकामना पूर्ति के लिए पंचामृत पूजन किया. गर्भगृह में पूजन के दौरान साध्वी प्रज्ञा मुट्ठी में नोट लेकर गई थीं. दरअसल, मंदिर परिसर में बैग ले जाने पर पाबंदी है. पूजन के बाद साध्वी ने पुजारियों को मुट्ठी में रखे नोट बतौर दक्षिणा के रूप में दिए. इसके बाद नंदीगृह में आकर नंदी के कान में कुछ कहा. दर्शन से पहले मंदिर में साध्वी के साथ कुछ लोग नजर आए, जो मदद के तौर पर उनका हाथ पकड़कर मंदिर के अंदर ले जाते नजर आए.
बता दें कि बीजेपी ने बुधवार को लोकसभा चुनाव के लिए भोपाल से अपने उम्मीदवार का ऐलान किया था. पार्टी ने यहां से साध्वी प्रज्ञा को प्रत्याशी बनाया है. साध्वी इससे पहले बुधवार को ही बीजेपी में शामिल हुईं. साध्वी को पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मौजूदगी में बीजेपी की सदस्यता दिलाई गई थी. साध्वी का मुकाबला कांग्रेस के दिग्गज नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह से होगा. साध्वी प्रज्ञा को लेकर अक्सर विरोधी दल आरएसएस और बीजेपी पर हमला बोलते रहे हैं. मालेगांव ब्लास्ट में साध्वी प्रज्ञा, असीमानंद और कर्नल पुरोहित का नाम सामने आने के बाद ही कांग्रेस ने 'हिंदू आतंकवाद' शब्द को तेजी से उछाला था. इसी हिंदू आतंकवाद के बहाने कांग्रेस आरएसएस और बीजेपी पर हमलावर रहती है. इसी कड़ी में दिग्विजय सिंह ने इसे 'संघी आतंकवाद' बताया था.
9 साल तक जेल में रहने के बाद साध्वी अब जिस तरह से कमबैक कर रही हैं उससे लग रहा है कि वो दिग्विजय सिंह को कड़ी टक्कर देंगी. दूसरी ओर हिंदू आतंक के तमाम केस कोर्ट में ढेर हो रहे हैं. फिर चाहे वो मालेगांव ब्लास्ट केस हो या फिर समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट केस. समझौता पर बीते 20 मार्च को ही बड़ा फैसला आया था. इसमें स्वामी असीमानंद सहित 4 आरोपियों को सबूतों के अभाव में कोर्ट ने बरी कर दिया था. बीजेपी ने उस वक्त ही संकेत दे दिए थे कि वो हिंदू आतंकवाद की पंक्चर हुई थ्योरी को चुनावी मुद्दा बनाएगी, क्योंकि इस थ्योरी को यूपीए के राज में बहुत हवा दी गई थी
हिस्ट्री से ग्रेजुएट हैं
मध्य प्रदेश के भिंड की रहने वाली साध्वी प्रज्ञा हिस्ट्री में पोस्ट ग्रेजुएट हैं. प्रज्ञा शुरुआत में संघ के संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़ी रहीं. इसके अलावा वो विश्व हिंदू परिषद की महिला मोर्चा दुर्गा वाहिनी से भी जुड़ी थीं. 48 साल की साध्वी प्रज्ञा ठाकुर 2008 के मालेगांव ब्लास्ट केस में आरोपी हैं. इस केस में उन्हें 9 साल जेल में रहने के बाद पिछले साल बॉम्बे हाईकोर्ट से जमानत मिली थी. 2017 में एनआईए कोर्ट ने उनके खिलाफ लगे कड़े कानून मकोका को हटा दिया था. 2018 में NIA ने उन्हें क्लीन चिट दे दी थी, लेकिन इसे कोर्ट ने नहीं माना. एनआईए की स्पेशल कोर्ट में अब भी उनके खिलाफ ट्रायल चल रहा है.
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टीके श्रीवास्तव