राफेल डील: राहुल गांधी का वार- मोदी ने एंटी करप्शन का क्लॉज हटा कर की चोरी

Rahul Gandhi Rafale Deal राफेल विमान सौदे में कथित गड़बड़ी में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी आक्रामक मोड में हैं. राहुल गांधी लगातार प्रधानमंत्री पर निशाना साध रहे हैं और नारे लगवा रहे हैं 'चौकीदार चोर है'.

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Congress President Rahul Gandhi (File Photo) Congress President Rahul Gandhi (File Photo)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 11 फरवरी 2019,
  • अपडेटेड 11:30 AM IST

लखनऊ में अपनी सियासी ताकत दिखाने से पहले एक बार फिर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राफेल का मुद्दा उठाया है. राहुल गांधी ने सोमवार को कहा कि राफेल विमान सौदे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चोरी की है, इस बात की पुष्टि रक्षा मंत्रालय भी कर रहा है. उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि PM मोदी दूसरी ही डील कर रहे थे.

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आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के धरने प्रदर्शन का समर्थन करने आंध्र भवन पहुंचे राहुल गांधी ने अंग्रेजी अखबार में छपी रिपोर्ट का हवाला दिया. उन्होंने कहा कि अखबार की रिपोर्ट से ये सिद्ध हो गया है कि प्रधानमंत्री ने इस डील में से एंटी करप्शन क्लॉज को हटवाया है.  

राहुल ने कहा कि डिफेंस डील में एंटी करप्शन का क्लॉज होता है, अखबार की पहली स्टोरी में लिखा था कि नरेंद्र मोदी ने रक्षा मंत्रालय की बातों को नकारते हुए खुद डील की, इसके बाद आज की रिपोर्ट के बाद साफ है कि प्रधानमंत्री ने राफेल मामले में चोरी की है. कांग्रेस अध्यक्ष ने यहां आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा देने की मांग की और कहा कि नरेंद्र मोदी ने आंध्र प्रदेश का पैसा चुराकर अनिल अंबानी की जेब में डाल दिया.

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राहुल ने दिया किस रिपोर्ट का हवाला...

गौरतलब है कि बीते दिनों एक अंग्रेजी अखबार ने राफेल डील को लेकर खुलासा किया था, जिसपर सड़क से संसद तक हंगामा हुआ था. अब उसी अखबार ने अपनी रिपोर्ट की दूसरी किस्त निकाली है, जिसमें उन्होंने दावा किया है कि मोदी सरकार इस सौदे को लेकर इतनी हड़बड़ी में थी कि उसने एंटी करप्शन क्लॉज जैसी महत्वपूर्ण शर्त को हटा दिया. इस खबर के छपते ही कांग्रेस के कई नेताओं ने ट्वीट कर मोदी सरकार पर तंज भी कसा.

रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 'सरकार ने एस्क्रो अकाउंट रखने के वित्तीय सलाहकारों की बात को भी खारिज कर दिया, क्योंकि पीएमओ ने सॉवरेन या बैंक गारंटी की शर्त को खत्म करने का दबाव बनाया था.'

आपको बता दें कि इससे पहले की रिपोर्ट में दावा किया गया था कि रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने राफेल सौदे पर प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से दिए जा रहे दखल को लेकर आपत्ति जताई थी. हालांकि, सरकार की ओर से लोकसभा में दिए गए बयान में किसी तरह के दखल देने को नकारा गया था.  

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