टमाटर महंगा तो गृहणी और सस्ता तो किसान का इंटरव्यू, टीआरपी का खेल है येः पीएम मोदी

गंगा घाट पर मोदी से किसानों की आय 2022 तक दो गुना करने, फूड इन्फ्लेशन व लैंड होल्डिंग छोटे होने पर सवाल किए गए. इस पर मोदी ने खुलकर बातचीत की. उन्होंने कई सवालों के बेवाकी से जवाब दिए.

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इंटरव्यू के दौरान पीएम मोदी इंटरव्यू के दौरान पीएम मोदी

टीके श्रीवास्तव

  • नई दिल्ली,
  • 26 अप्रैल 2019,
  • अपडेटेड 11:03 PM IST

काशी में गंगा किनारे पीएम मोदी ने टीवी टुडे ग्रुप के न्यूज डायरेक्टर राहुल कंवल से खास बातचीत की. गंगा घाट पर मोदी से किसानों की आय 2022 तक दोगुना करने, फूड इन्फ्लेशन व लैंड होल्डिंग छोटे होने पर सवाल किए गए.

राहुल कंवल के सवालों को जवाब देते हुए मोदी ने कहा कि जैसे ही टमाटर का दम कम होता है तो किसानों से सवाल होने लगते हैं. जैसे ही टमाटर का दाम बढ़ता तो गृहणी से सवाल किए जाते हैं. ये सिर्फ टीआरपी का खेल है. मोदी ने कहा कि इससे ना तो कंस्यूमर्स को फायदा होता है और ना ही किसान को. इससे सिर्फ बिचौलिए को फायदा होता है. किसान और कंस्यूमर्स को फायदा हो, हम इस दिशा में काम कर रहे हैं. मोदी ने कहा कि मैं किसी आलोचना नहीं कर रहा हूं, लेकिन ऐेसा होता है.

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पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने कहा था कि मोदी दोगुना प्रोडेक्शन बढ़ाएंगे, जबकि मैंने ये नहीं कहा था. मैंन इनकंफर्टेबल करने के लिए कहा था. देश के इतने बड़े अर्थशास्त्री को मेरे शब्द नहीं समझ में आए, लेकिन मैं इसे अंग्रेजी में नहीं बोल पाया. लेकिन इतना हिंदी में समझ में आ जाना चाहिए था. इसके बाद मोदी ने कहा कि वह मुझसे बड़े हैं, मुझे ऐसा नहीं बोलना चाहिए.

प्रधानमंत्री ने कहा, जब मैं इनकम दोगुना करने की बात करता हूं तो इसका अर्थ है इनपुट कम हो, एमएसपी डेढ़ गुना कर दिया. अन्नदाता को ऊर्जा दाता बनाया. सोलर पंप हो, खेत के बॉर्डर पर सोलर पैनल लगाना, किसान जो बिजली पैदा करेगा सरकार उसे खरीदेगी. 6 महीने उसकी खेती चलती है तो बाकी के 6 महीने उसे बिजली का पैसा मिलेगा. पशुपालन के लिए हमने किसान कार्ड देने का प्रावधान किया. मछलीपालन और हनी पोडक्शन में अच्छा काम हो रहा है. पिछले 5 साल में हनी का उत्पादन काफी बढ़ा है.

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प्रधानमंत्री ने कहा कि खेती किसानी में वैल्यू एडिशन बहुत बड़ी बात है क्योंकि इससे बहुत लाभ होता है. जैसे आप कच्चा आम देंगे तो कम पैसा मिलेगा, पका आम देंगे तो बहुत पैसा मिलेगा. कच्चे आम का आचार बनाओगे तो और ज्यादा पैसा मिलेगा. हमारे कॉरपोरेट वर्ल्ड का एक परसेंट खेती में नहीं है. देश कैसे चलेगा? मैंने उनको इनवेस्टमेंट के लिए कहा है जो उन्हें करना ही पड़ेगा.

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