चंद्रबाबू नायडू ने बताया बिहारी डकैत, तो प्रशांत किशोर ने ऐसे दिया जवाब

आंध्र प्रदेश में विधानसभा और देश में लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ सियासी पारा नेताओं के सिर चढ़कर बोल रहा है. मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने एक विवादित बयान दिया है जिसमें उन्होंने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर को बिहारी डकैत बताया तो किशोर ने कहा कि यह नायडू का बिहार के खिलाफ पूर्वाग्रह और द्वेष को दिखाती है.

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चुनावी रणनीतिकार चुनावी रणनीतिकार

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 19 मार्च 2019,
  • अपडेटेड 5:24 PM IST

लोकसभा चुनाव के साथ ही आंध्र प्रदेश में विधानसभा चुनाव का बिगुल भी बज चुका है. लिहाजा सियासी बयानबाजी भी चरम पर है. ऐसे में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के बयान पर राजनीतिक बवाल खड़ा हो गया है. चंद्रबाबू नायडू ने अपने एक बयान में वाईएसआर कांग्रेस के नेता जगनमोहन रेड्डी का प्रचार-प्रसार देख रहे चुनावी रणनीतिकार और जनता दल (यू) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर को बिहारी डकैत बता दिया. तो वहीं प्रशांत किशोर ने भी नायडू के बयान को बिहारी अस्मिता से जोड़ते हुए कहा कि हार से परेशान एक अनुभवी नेता की अपमानजनक भाषा बिहार के खिलाफ पूर्वाग्रह और द्वेष को दिखाती है.

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दरअसल, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने सोमवार को एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, 'तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव आपराधिक राजनीति कर रहे हैं. वह कांग्रेस और टीडीपी के विधायकों पर कब्जा कर रहे हैं. बिहारी डकैत प्रशांत किशोर ने आंध्र प्रदेश में लाखों वोट हटवाए हैं.' नायडू के इसी बयान पर चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने ट्वीट पर जवाब देते हुए लिखा, 'आसन्न हार सबसे अनुभवी राजनेताओं को भी परेशान कर सकती है. इसलिए मैं चंद्रबाबू नायडू के आधारहीन आरोपों से हैरान नहीं हूं. सिरजी अपमानजनक भाषा का प्रयोग करने के बजाय, जो बिहार के खिलाफ आपके पूर्वाग्रह और द्वेष को दिखाता है, बस इस बात पर ध्यान दें कि आंध्र प्रदेश के लोग आपको फिर से क्यों वोट दें.'

आपको बता दें कि आंध्र प्रदेश विभाजन और तेलंगाना राज्य के गठन के बाद राज्य की मतदाता सूची से बड़ी संख्या में नाम हटाए जा रहे हैं. इस बीच तमाम राजनीतिक दल वोटर लिस्ट से नाम हटाए जाने को लेकर एक- दूसरे पर साजिश का आरोप लगा रहे हैं. लोकसभा चुनाव के ऐन पहले चुनाव आयोग को 9,27,542 नामों को हटाने की गुजारिश की गई है. जिसमें सबसे ज्यादा नाम वाईएसआर कांग्रेस की तरफ से फॉर्म 7 के जरिए हटाने की मांग की गई है. फॉर्म-7 का इस्तेमाल मतदाता अपना नाम या किसी अन्य का नाम मतदाता सूची से हटाने के आवेदन के लिए करते हैं.

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एक तरफ जहां वाईएसआर कांग्रेस की तरफ से सबसे ज्यादा नाम हटाने के लिए चुनाव आयोग से आवेदन किया गया है. तो वहीं चंद्रबाबू नायडू इसे वाईएसआर कांग्रेस की साजिश करार देते हुए इसका आरोप प्रशांत किशोर पर मढ़ रहे हैं. बता दें कि चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की संस्था इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमेटी (I-PAC) इन दिनों वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के नेता जगनमोहन रेड्डी के प्रचार का काम देख रही है. जगनमोहन रेड्डी की 'प्रजा संकल्प यात्रा' के बाद I-PAC ‘निन्नू नम्मम बाबू’(चंद्रबाबू नायडू हमें आप पर विश्वास नहीं),‘जगन अन्ना पिलुपु’ (जगन अन्ना आपको बुला रहे हैं) और समारा शंकरवम (बूथ-कैडर मीटिंग) जैसे बड़े कैंपेन में भी बड़ी भूमिका निभा रही है.

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