AAP से गठबंधन पर दिल्ली कांग्रेस में पड़ी दरार? शीला-चाको आए आमने-सामने

इस पूरे प्रकरण में एक ओर शीला दीक्षित तो दूसरी ओर राहुल गांधी, पीसी चाको, अजय माकन और आम आदमी पार्टी दिख रही है. माकन ने राहुल गांधी का हवाला देते हुए शीला को घेरा है जबकि आम आदमी पार्टी कांग्रेस की आपसी भिड़ंत पर चुटकी ले रही है.

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दिल्ली कांग्रेस की अध्यक्ष शीला दीक्षित (इंडिया टुडे आर्काइव) दिल्ली कांग्रेस की अध्यक्ष शीला दीक्षित (इंडिया टुडे आर्काइव)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 14 मार्च 2019,
  • अपडेटेड 9:26 PM IST

दिल्ली में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन को लेकर कांग्रेस नेतृत्व में दरार की खबरें हैं. पार्टी के वरिष्ठ नेता और कभी दिल्ली के प्रभारी रहे पीसी चाको का कांग्रेस काडर के लिए जारी एक ऑडियो मैसेज ने इसकी अटकलें और तेज कर दी हैं. दिल्ली अध्यक्ष शीला दीक्षित जहां चाको के खिलाफ उतर आई हैं तो पूर्व अध्यक्ष अजय माकन ने चाको का बचाव किया है. माकन ने राहुल गांधी का हवाला देते हुए शीला दीक्षित को घेरने की कोशिश की है. उधर आम आदमी पार्टी को भी निशाना साधने का मौका मिल गया और उसने कहा कि 'दाहिने हाथ को पता ही नहीं है कि बायां क्या कर रहा है.'

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अभी हाल में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी और दिल्ली यूनिट की अध्यक्ष शीला दीक्षित ने ऐलान किया कि आम आदमी पार्टी के साथ कोई गठबंधन नहीं होगा. हालांकि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल बार-बार गठबंधन का आग्रह करते दिखे. दिल्ली में उनकी बात नहीं बन पाई तो बुधवार को उन्होंने कहा कि हरियाणा में कांग्रेस, जेजेपी और आम आदमी पार्टी गठबंधन कर लें तो बीजेपी को हराया जा सकता है. उधर पीसी चाको का ऑडियो मैसेज सुनकर साफ होता है कि कांग्रेस के अंदर एक खेमा ऐसा भी है जो आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन चाहता है. ऑडियो में चाको अपने कार्यकर्ताओं से गठबंधन की संभावनाओं के बारे में बता रहे हैं.

चाको रख रहे राहुल का स्टैंड?

चाको ने अपने संबोधन में कहा, 'अगर वे चाहें तो दिल्ली में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन हो सकता है.' चाको का यह ऑडियो मैसेज शक्ति ऐप के जरिये दिल्ली के तकरीबन 50 हजार कार्यकर्ताओं को भेजा गया है. इंडिया टुडे ने दिल्ली की मौजूदा कांग्रेस अध्यक्ष शीला दीक्षित से चाको के मैसेज के बारे में पूछा तो उन्होंने इससे अनभिज्ञता जाहिर की. शीला ने कहा, 'मुझे ऐसी कोई जानकारी नहीं है कि दिल्ली के कार्यकर्ताओं से आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन के लिए कहा जा रहा है या ऐसा कोई कैंपेन चल रहा है.' शीला दीक्षित ने आगे कहा, 'मुझे नहीं पता कि चाको साहब ऐसा क्यों कर रहे हैं, जबकि पूरी दिल्ली यूनिट इसके (गठबंधन) खिलाफ है. मैं दिल्ली की इंचार्ज हूं इसलिए मुझे तो कम से कम बताना ही चाहिए.'

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पीसी चाको और शीला दीक्षित के इस प्रकरण ने कांग्रेस में खलबली मचा दी है क्योंकि हाल फिलहाल पार्टी की जितनी बैठकें हुई हैं, उनमें गठबंधन को लेकर कांग्रेस पार्टी न तो किसी अंजाम तक पहुंची है और न ही आगे की कोई संभावना जताई गई है.

माकन को हमले का मिला मौका

इस बीच दिल्ली के पूर्व अध्यक्ष अजय माकन भी एक बयान आया है जो इस मामले को और गंभीर बनाता है. माकन ने पीसी चाको का पूरी तरह से बचाव किया और शीला दीक्षित पर हमला बोला. माकन ने कहा कि चाको से जुड़ा सारा वाकया पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी के निर्देश पर हुआ है. माकन ने कहा, 'यह राहुल गांधी का फैसला है क्योंकि शक्ति ऐप केवल वे ही यूज करते हैं. राहुल गांधी के निर्देश पर ही शक्ति ऐप का उपयोग किया गया है. इसलिए अगर कोई राहुल गांधी पर सवाल उठा रहा है तो यह पूरी तरह से गलत है.'

AAP ने उठाया मौके का फायदा

दूसरी ओर आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता और सांसद संजय सिंह का भी इस मामले में बयान आ गया है. हाल में कांग्रेस के साथ गठबंधन को लेकर हुई बैठक में संजय सिंह भी शामिल थे. सिंह के मुताबिक कांग्रेस अभी भ्रम में दिख रही है. उन्होंने कहा, 'कांग्रेस कनफ्यूज्ड है लेकिन हमलोग स्पष्ट हैं, आम आदमी पार्टी दिल्ली की सातों संसदीय सीटों पर चुनाव लड़ रही है. हम चाह रहे थे कि एक गठबंधन हो ताकि देश को बांटने वाली और सामाजिक सौहार्द्र बिगाड़ने वाली ताकतों को हराया जा सके. शीली दीक्षित का बयान दिखाता है कि कांग्रेस अपने आप में कितनी भ्रमित है. 'दाहिने हाथ को पता नहीं है कि बायां क्या कर रहा है.'

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इससे पहले बुधवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस से एक और अपील करते हुए हरियाणा में गठबंधन की बात उठाई. उन्होंने जेजेपी को भी पाले में लेने की मांग की. एक सवाल कि अगर दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी गठबंधन को तैयार हो जाते हैं तो क्या आम आदमी पार्टी अपने रुख में कोई तब्दीली लाएगी? इस पर संजय सिंह ने कहा कि 'ये सब काल्पनिक बातें हैं. हरियाणा और बिहार में गठबंधन की जरूरत है. दिल्ली में हमलोग 7 सीटों पर लड़ेंगे, इसलिए कांग्रेस को तय करना है कि उसका स्टैंड क्या रहेगा.'

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